Kuno National Park: कूनो नेशनल पार्क से एक के बाद एक बुरी खबरों का सिलसिला थम नहीं रहा है. बीते दो महीने में 3 चीतों की मौत के बाद अब एक शावक चीता की मौत हो गई है. शावक कूनो पार्क प्रबंधन की मॉनिटरिंग के दौरान बीमार पाया गया था, इसका इलाज शुरू हुआ, लेकिन इस दौरान शावक की मौत हो गई है. पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ जसवीर सिंह चौहान ने इसकी पुष्टि की है.
जानकारी के मुताबिक नामीबिया से लाई गई मादा चीता ज्वाला (सियाया) ने बीते 24 मार्च को ही पार्क में 4 शावकों को जन्म दिया था. इससे कूनो में काफी खुशियां मनाई गई थीं, लेकिन अब उनमें से एक शावक की मौत हो गई है. इससे पीएम नरेंद्र मोदी के चीता प्रोजेक्ट को बड़ा झटका लगा है, कुछ दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने भी कूनो में चीतों की लगातार मौत पर चिंता जताई थी और कहा था कि इन चीतों को राजस्थान शिफ्ट कर दिया जाए. अब पार्क में कुल 17 चीते और 3 शावक ही बचे हैं.
ये भी पढ़ें: मदर्स डे: कूनो नेशनल पार्क से चीता शावकों का पहला VIDEO, मां से मस्ती करते आए नजर
दो महीनें के अंदर ही 3 चीतों की मौत
आपको बता दें कि कूनों नेशनल पार्क में बीते दो माह में 3 चीतों की मौत के चलते मायूसी छाई हुई थी. इस बीच 4 शावकों के जन्म से पार्क प्रबंधन और चीता प्रोजेक्ट को कुछ उम्मीदें नजर आई थी. लेकिन ये उम्मीदें एक बार फिर टूटती हुई नजर आई हैं. चीतों की लगातार हो रही मौत के बाद कूनो पार्क प्रबंधन पर भी सवाल उठ रहे हैं.
मदर्स डे के मौके पर रिलीज किया गया था शावकों का वीडियो
मदर्स डे के मौके पर नन्हें शावकों का एक वीडियो पार्क प्रबंधन ने जारी किया था. जिसको पीएम मोदी से लेकर हर किसी ने सराहा था. पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ जसवीर सिंह चौहान ने मादा चीता और शावकों का वीडियों सामने आने पर MPTAK को बताया था कि चारों शावक अपनी मां ज्चाला के साथ पूरी तरह सेहतमंद हैं. और लगातार अठखेलियां करते देखे जा रहे हैं. इसके साथ ही चीतों की आंखे खुल चुकी है. जो वीडिया में साफ नजर आ रही हैं.

सुप्रीम कोर्ट कह चुका है चीतों को राजस्थान में करें शिफ्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कूनो नेशनल पार्क में हुई विदेशी चीतों की मौत पर चिंता जताते हुए केंद्र से कहा कि आप राजस्थान में जगह की तलाश क्यों नहीं करते? केवल इसलिए कि वहां विपक्षी पार्टी का शासन है. कोर्ट ने कहा कि इसका मतलब यह नहीं है, आप इस पर विचार नहीं करेंगे. इस पर केंद्र की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि चीता टास्क फोर्स मौत के कारणों और इन्हें दूसरी जगहों पर शिफ्ट करने के पहलुओं की जांच कर रही है.
ऐसे हुई चीतों की मौत
27 मार्च को, साशा नाम की मादा चीता की किडनी की बीमारी के कारण मृत्यु हो गई थी. 23 अप्रैल को उदय (दक्षिणी अफ्रीका) की कार्डियो-पल्मोनरी फेलियर के कारण मृत्यु हो गई थी और 9 मई को दक्ष नामक एक अन्य दक्षिण अफ्रीकी मादा चीता की मृत्यु हो गई थी, इसकी मौत की वजह एक नर चीता से हुई हिंसक झड़प थी. इसके बाद आज मादा चीता ज्वाला के नन्हें शावक की मौत हो गई है. इन सभी मौतों पर सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि कूनो नेशनल पार्क में कम जगह में ज्यादा चीतें हैं, ये जगह पर्याप्त नहीं है और सरकार को चीतों को अन्य अभ्यारण्यों में शिफ्ट करने पर विचार करना चाहिए.
ये भी पढ़ें: कूनो नेशनल पार्क: साउथ अफ्रीका से आए 3 और चीतों को खुले जंगल में छोड़ा, अब खुद करेंगे शिकार