कांग्रेस के अक्षय कांति बम ने क्यों लिया उम्मीदवारी से नामांकन वापस? पढ़िए इस बड़े उलटफेर की इनसाइड स्टाेरी

indore Loksabha Seat: लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण के मतदान से पहले इंदौर में आज एक बड़ा घटनाक्रम सामने आया. जिसके बाद सबकी निगाहें वहीं टिकी हुई हैं, लेकिन ऐसा क्यों हुआ इसके पीछे की वजह सामने आई है.

इंदौर में अक्षय कांति बम ने कर दिया खेला.
इंदौर में अक्षय कांति बम ने कर दिया खेला.
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Akshay Kanti Bam News: लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण के मतदान से पहले इंदौर में आज एक बड़ा घटनाक्रम सामने आया. जिसने न सिर्फ इंदौर बल्कि पूरे देश भर का ध्यान अपनी तरफ खींच लिया. हुआ ये कि इंदौर लोकसभा सीट से कांग्रेस के उम्‍मीदवार अक्षय बम ने अपना नामांकन फॉर्म वापस ले लिया है. अक्षय बम के नामांकन वापस लेने की अभी कोई ठोस वजह सामने नहीं आई है, लेकिन केस को इसकी वजह माना जा रहा है, जो करीब 17 साल पुराना बताया जा रहा है. 

जानकारी के मुताबिक इंदौर के खजराना क्षेत्र में रहने वाले यूनुस पटेल को 17 साल बाद न्याय मिला है. इंदौर से कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय बम पर धारा 307 का प्रकरण दर्ज किया गया. न्यायालय मे 10 मई को उपस्थित होने के आदेश भी दिए. जिसके बाद से ही इंदौर की सियासत में उठापटक शुरू हो गई थी. 

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17 पुराने मामले में कोर्ट के आदेश के बाद हड़कंप

जानकारी अनुसार अक्षय कांति बम पर 3 अलग-अलग केस चल रहे हैं. उनके खिलाफ 17 साल पुराना एक मामला फिर से चर्चा में आया है, जिसमें उनकी धारा 307 (हत्‍या का प्रयास) बढ़ा दी गई थी. फरियादी युनूस पटेल के वकील मुकेश देवल ने बताया कि मामला कनाडिया क्षेत्र की जमीन का है. यह जमीन फरियादी की थी. अक्षय बम, कांति बम और उनके परिवार के अन्य सदस्यों ने वर्ष 2007 में इस जमीन का सौदा 50 लाख रुपये में करते हुए एक अनुबंध किया था. बाद में आरोपितों ने चेक देकर इस जमीन की रजिस्ट्री भी करवा ली, लेकिन चेक बाउंस हो गया था. 

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क्यों दर्ज हुआ था केस?

वहीं फरियादी यूनुस पटेल ने बताया कि "गांव में जाकर उसकी जमीन पर मौजूद नौकरों को धमकाया गया था तथा उनके साथ मारपीट की गई थी और वहां कटी हुई सोयाबीन में आग लगा दी गई थी. आरोपी कांतिलाल और उसका लड़का अक्षय, सतवीर, सुरक्षागार्ड मनोज, सोनू बंदूक लेकर एवं अन्य 7-8 लोग भी आये थे. जिसके बाद कांग्रेस प्रत्याशी और उनके परिवार के खिलाफ केस दर्ज कराया गया था. लेकिन पुलिस ने उस समय मामूली धाराओं में मामला दर्ज किया था."

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कोर्ट ने दिए हाजिर होने के आदेश

बता दें कि कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय बम जान से मारने के मामले में फंसे हुए हैं. जिला न्यायालय ने 17 वर्ष पुराने एक मामले में बम पर हत्या के प्रयास की धारा बढ़ा दी है. अब तक प्रकरण में सिर्फ धारा 323, 506, 147, 148, 149 ही लगी थीं. कोर्ट ने अक्षय और उनके पिता कांति बम को 10 मई को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के लिए भी कहा है. इसके साथ ही कोर्ट ने 307 धारा जोड़ने के भी आदेश दिए हैं. 

इसी मामले को लेकर शुक्रवार को बीजेपी की तरफ से जिला निर्वाचन अधिकारी को शिकायत दर्ज की गई जिस जिला कलेक्टर आशीष सिंह द्वारा शिकायत को अस्वीकार कर दिया गया था.  

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