मध्यप्रदेश में भाजपा को नहीं है ‘गठबंधन’ की जरूरत! भाजपा के आदिवासी नेता गुमानसिंह डामोर ने कही बड़ी बात!
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Vidhansabha Election 2023: मध्यप्रदेश सबसे ज्यादा जनजातियों वाला राज्य है. प्रदेश की 80 सीटों पर सीधा आदिवासियों का प्रभाव है. 47 विधानसभा सीटें जनजाती वर्ग के लिए आरक्षित हैं. ऐसे में प्रदेश की सत्ता में आदिवासी वोट बैंक की भूमिका बहुत अहम हो जाती है. यही वजह है कि चाहें कांग्रेस हो या फिर बीजेपी दोनों ही आदिवासियों को अपने पाले में करना चाहती हैं. विधानसभा चुनाव नजदीक हैं. इसी बीच जय आदिवासी युवा संगठन ने कहा है कि जो उनकी शर्ते मान लेगा उसी पार्टी के साथ गठबंधन करेंगे. रतलाम से सांसद और भाजपा के जाने-माने आदिवासी नेता गुमानसिंह डामोर ने भाजपा के गठबंधन पर MP Tak से बातचीत की. उन्होंने कहा कि भाजपा को किसी के साथ गठबंधन की जरूरत नहीं है. आदिवासी समाज भाजपा के साथ है और भाजपा की स्थिति मजबूत है.
रतलाम से सांसद गुमानसिंह डामोर ने प्रदेश में आदिवासी और जनजाति क्षेत्र में भाजपा की स्थिति और आगामी चुनाव में आदिवासियों के असर पर कहा कि प्रदेश में भाजपा की मजबूत स्थिति है और उसे किसी से गठबंधन करने की जरुरत नहीं है. सांसद गुमान सिंह ने कहा कि पूरे देश का आदिवासी समाज आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ है. सभी जगह का जनजाति समाज आज भारतीय जनता पार्टी के साथ है. मध्यप्रदेश में जो हमारा आदिवासी समाज है वह हमारे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के साथ है.
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जनजातियों के लिए 2023-24 के बजट में प्रावधान
गुमान सिंह ने कहा कि जनजातियों के साथ होने का प्रमुख कारण यह है कि जो पिछड़ा समाज था, वह जनजाति समाज था. जनजाति समाज को आगे लाने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने कई कार्य किए. खासतौर से 2023-24 के बजट में जनजाति समाज के लिए कई प्रावधान किए हैं. प्रधानमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री गरीब जन कल्याण योजना जैसी कई योजनाओं का लाभ सबसे ज्यादा जनजाति समाज को मिला है. आयुष्मान भारत योजना का लाभ भी सबसे ज्यादा जनजाति समाज को मिला है. इस तरह की तमाम सभी योजनाओं का लाभ जनजाति समाज को मिल रहा है. जनजाति समाज प्रत्यक्ष रूप से और अप्रत्यक्ष रूप से भारतीय जनता पार्टी के साथ है.
कांग्रेस ने झूठे वादे किए
रतलाम सांसद ने कहा कि चुनाव के पहले कई लोग आते हैं और गुमराह करते हैं. उन्होंने कहा कि 2018 में कांग्रेस आई थी. कांग्रेस ने झूठे सपने दिखाए. झूठे वादे किए. ऋण माफी के वादे किए. बेरोजगारी भत्ता देने के वादे किए. उन्होंने कहा कि ऐसे वादा करने वाली पार्टियां बहुत सारी हैं. जिनको कुछ नहीं करना है. लेकिन अब जनजाति समाज काफी आगे बढ़ चुका है. झूठ बोलने और गुमराह करने वालों को पहचान चुका है. इसलिए अब भारतीय जनता पार्टी को छोड़कर वह किसी दूसरी पार्टी से नहीं जुड़ सकते हैं.
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