कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन से कमलनाथ का रास्ता हुआ साफ, अब नहीं उठेगा CM फेस को लेकर ‘सवाल’?

अभिषेक शर्मा

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MP POLITICAL NEWS: रायपुर में चल रहे कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन के दूसरे दिन कमलनाथ ने आर्थिक प्रस्ताव रखा और उसके बाद बेरोजगारी, निवेश और मंदिर-मस्जिद से लेकर एकता पर काफी लंबा भाषण दिया. अधिवेशन को संबोधित करते हुए उन्होंने मध्यप्रदेश में बेरोजगारी का मुद्दा बड़े पैमाने पर उठाया और दावा किया कि मध्यप्रदेश में बेरोजगारी को सिर्फ कांग्रेस पार्टी ही दूर कर सकती है.

वहीं दूसरी ओर उन्होंने देश की संस्कृति और कांग्रेस की संस्कृति को एक जैसा बताते हुए कहा कि कांग्रेस का स्वरूप भारत देश की तरह ही है जहां विभिन्न धर्म, मत, विचार, जात-पात के लोग रहते हैं लेकिन विविधताएं होने के बावजूद सब एकता के धागे से बंधे हैं और यही संस्कृति कांग्रेस पार्टी की भी है.

वहीं पूरे अधिवेशन के दौरान मध्यप्रदेश में आने वाले समय में विधानसभा चुनावों को लेकर पार्टी के अंदर गुटबाजी खत्म करने को लेकर गहन मंथन हुआ. MP Tak से खास बातचीत में अधिवेशन में मौजूद कांग्रेस के कद्दावर नेता और नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह, मप्र कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष राम निवास रावत दोनों ने इस बात की पुष्टि की है कि अब पार्टी के अंदर कमलनाथ की लीडरशिप को लेकर कोई सवाल खड़े होने वाले नहीं है. पूरी पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव में कमलनाथ के नेतृत्व में ही चुनाव लड़ने जा रही है.

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क्या बोले नेता प्रतिपक्ष?
मध्यप्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने कहा MP Tak से बात करते हुए कहा कि ‘राष्ट्रीय अधिवेशन में सभी नेताओं को स्पष्ट संदेश दे दिया है कि मध्यप्रदेश विधानसभा का चुनाव कमलनाथ के नेतृत्व में लड़ा जाएगा. चुनाव जीतने के बाद कमलनाथ ही मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री बनेंगे. कमलनाथ को लेकर किसी तरह का कोई कंफ्यूजन नहीं है. सभी नेता एक साथ हैं और एक साथ ही अब दिखेंगे’.

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कार्यकारी अध्यक्ष ने भी कमलनाथ को ही बताया सर्वमान्य नेता 
कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रामनिवास रावत ने MP Tak से चर्चा में कहा कि कमलनाथ ही कांग्रेस पार्टी के सर्वमान्य नेता हैं. अधिवेशन में सभी नेताओं को समझा दिया गया है कि लीडरशिप को लेकर कोई कंफ्यूजन न रखा जाए. जनता के बीच जाकर अब कांग्रेस पार्टी को विधानसभा चुनावों को लेकर काम करना है. कमलनाथ को लेकर अब कोई भी नेता सवाल खड़े नहीं करेगा. वहीं कांग्रेस पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार भी रहेंगे.

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अरुण यादव ने उठाए थे सीएम फेस को लेकर सवाल
दरअसल यह पूरा विवाद MP Tak के बैठक कार्यक्रम के दौरान सामने आया था, जिसमें पहली बार कमलनाथ के ऊपर उनकी ही पार्टी के पूर्व पीसीसी चीफ अरुण यादव ने सवाल उठा दिए थे कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस पार्टी की ओर से कमलनाथ सीएम पद के उम्मीदवार तय नहीं हुए हैं. उनका साथ विंध्य क्षेत्र के बड़े कांग्रेस नेता अजय सिंह ने भी दिया था. जिसके बाद ग्वालियर, छिंदवाड़ा व अन्य जगहों पर कमलनाथ को भी सफाई देना पड़ी कि वे सीएम बनने की चाहत नहीं रखते हैं.

लेकिन इस विवाद की वजह से कांग्रेस की विधानसभा चुनावों की तैयारियों पर असर आने लगा था. जिसके बाद पर्दे के पीछे सभी नेताओं की आपसी बातचीत हुई और उसके परिणाम स्वरूप ही कमलनाथ पर सवाल खड़े करने वाले अरुण यादव हर कार्यक्रम में कमलनाथ के साथ मंच साझा करते हुए दिखाई देने लगे. सूत्रों के अनुसार रायपुर में चल रहे कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन में भी अब इस बात को केंद्रीय नेतृत्व की तरफ से मध्यप्रदेश कांग्रेस के नेताओं को संदेश दे दिया गया है कि कमलनाथ की लीडरशिप को लेकर अब कोई सवाल खड़े नहीं किए जाएं.

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