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भोपाल में चंद्रशेखर रावण की हुंकार, बोले- MP में आदिवासी सीएम बनाएंगे, दावा- दशहरा मैदान में जुटे 5 लाख लोग

इज़हार हसन खान

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Bhim Army strength in Bhopal crowd gathered at Dussehra Maidan Chandrashekhar Ravan
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Bheem Army in Bhopal: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के भेल दशहरा मैदान में रविवार (12 फरवरी) दलित, आदिवासी और पिछड़ा वर्ग के संगठन के हजारों लोग रैली में जुटे. दावा किया जा रहा है कि यहां पर करीब 5 लाख लोग आए हैं. दशहरा मैदान में भारी भीड़ नीले झंडे के साथ पहुंची. भीम आर्मी का कहना है कि यह प्रदर्शन जातिगत जनगणना कराने, प्रदेश सरकार से प्रमोशन में आरक्षण का कानून बनवाने, आरक्षण को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करवाने समेत 15 से ज्यादा मांगों को लेकर हो रहा है. पहले करणी सेना और अब भीम आर्मी का प्रदर्शन भाजपा सरकार के लिए चुनौती पेश कर रहा है. भीम आर्मी ने करनी सेना के प्रदर्शन के बाद ऐलान किया था कि 12 फरवरी को संविधान बचाओ रैली करेंगे.

जनसभा को आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद रावण ने संबोधित किया. आजाद ने कहा, “मुझे केवल 9 महीने दे दो, ज्यादा नहीं मांगता हूं, आपकी सारी मांगें एक दिन में ही पूरी करा दूंगा. ऐसा वादा करता हूं. मध्य प्रदेश में चुनाव तक ऐसी कम से कम 5 यात्राएं होंगी. यह यात्रा का पहला चरण है. हर यात्रा में दोगुने सैलाब के साथ आएंगे. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने MP में रविदास मंदिर के लिए 100 करोड़ रुपए की घोषणा की, पिछली घोषणा उज्जैन में 50 लाख रुपए की थी, लेकिन वहां तो अब तक दिया नहीं. घोषणाओं से पेट हमारा नहीं भरेगा, इस तरह की घोषणाओं से थक चुके हैं. हम दलित, पिछड़े, आदिवासी भी विधानसभा चुनाव लड़ेंगे. आगे का कदम सत्ता के लिए होगा. पहली बार प्रदेश में हम आदिवासी मुख्यमंत्री बनाएंगे.”

चंद्रशेखर रावण ने नारा देते हुए कहा- संविधान का राज चलेगा, सारा बहुजन साथ चलेगा. चंद्रशेखर ने प्रदेश सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि एक महीने में मांगें पूरी नहीं हुईं, तो दोबारा इससे भी बड़ा प्रदर्शन किया जाएगा. इतना बड़ा प्रदर्शन होगा कि हो सकता है- रैली के बाद मंच पर बैठे नेताओं को भाजपा जॉइन करवा लें. कार्यक्रम में भीड़ बहुत है. आजाद बार-बार लोगों से बैठने की अपील कर रहे थे. लोगों ने जब सुना नहीं तो भाषण छोड़ वापस अपनी सीट पर आकर बैठ गए. कार्यकर्ताओं ने बुलाया, इसके बाद दोबारा भाषण शुरू किया.

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2 अप्रैल 2018 के बाद से जो मुकदमे हुए हैं, उन्हें वापस ले सरकार
चंद्रशेखर रावण ने कहा- ‘2 अप्रैल 2018 के जो मुकदमे आदिवासियों पर हुए हैं, उसे वापस लें. स्कूल अथिति शिक्षकों और आशा कार्यकर्ताओं को नियमित किया जाना चाहिए. कोरोनाकाल में काम करने वाले कर्मचारियों को नियमित करना चाहिए. निजीकरण के नाम पर सरकारी संस्थाओं को बेचने का काम बंद होना चाहिए. निजीकरण के सहारे आरक्षण को खत्म करने का खेल खत्म हो जाना चाहिए.’

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फोटो: इज़हार हसन खान.

पांच लाख लोग जुटने का दावा
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सुनील कुमार आस्तेय का दावा है कि प्रदर्शन में 5 लाख लोग शामिल होंगे. इसमें भीम आर्मी प्रमुख एवं आजाद समाज पार्टी के संरक्षक चंद्रशेखर रावण के अलावा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष विनय रतन, प्रदेश अध्यक्ष सुनील बैरसिया, जय युवा आदिवासी शक्ति संगठन (जयस) के संरक्षक आनंद राय, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी की अध्यक्ष मोनिका शाह भट्टी, ओबीसी महासभा के नेता महेन्द्र लोधी शामिल होंगे. भेल मैदान पर रैली के साथ ही एक जनवरी से प्रदेश में निकाली जा रही सामाजिक न्याय यात्रा का समापन होगा.

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भीम आर्मी के नेताओं का दावा है कि रैली में प्रदेशभर से 5 लाख लोग शामिल होंगे. हालांकि, प्रशासन ने 20 हजार की ही अनुमति दी है. मौके पर व्यवस्था बनाने के लिए कड़े इंतजाम किए गए हैं.

Bhim Army strength in Bhopal crowd gathered at Dussehra Maidan Chandrashekhar Ravan
फोटो: इजहार खान

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भाजपा और कांग्रेस से नाराज दलित नेता बुलाए गए
प्रदर्शन के लिए प्रदेशभर से भीम आर्मी और आजाद समाज पार्टी के पदाधिकारी और कार्यकर्ता रात में ही राजधानी पहुंच गए थे. भोपाल में पहली बार इन दोनों संगठनों का इतना बड़ा शक्ति प्रदर्शन हो रहा है. इस लिहाज से रविवार को दलित संगठनों के प्रदर्शन को काफी अहम माना जा रहा है. BJP और कांग्रेस से नाराज नेता और खासकर दलित और युवा इस रैली में बुलाए गए हैं. जिला पंचायत, जनपद पंचायत सदस्यों के साथ ही सरपंच और पार्षद भी रैली में शामिल होंगे. इससे इस बात की संभावना भी प्रबल हो रही है कि भीम आर्मी विधानसभा चुनाव में अपने उम्मीदवार उतार सकती है.

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कौन से मुददे हैं, जिन पर हो रहा है प्रदर्शन?

  • देश में जातिगत जनगणना कराई जाए.
  • प्रदेश सरकार से प्रमोशन में आरक्षण का कानून बनवाने की मांग.
  • संविधान की प्रस्तावना से सेक्युलर और सोशलिस्ट शब्द हटाने के षड्यंत्र के खिलाफ.
  • कमजोर वर्ग के लोगों पर प्रशासन के द्वारा झूठे मुकदमे दर्ज करने के खिलाफ.
  • आरक्षण को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करवाने की मांग.
  • केंद्र और राज्य सरकारों से आर्थिक बराबरी का कानून लागू करवाने की मांग.
  • SC/ST एक्ट के तहत मृतक के परिवार को दी जाने वाली क्षतिपूर्ति राशि बढ़ाकर 30 लाख की मांग.
  • मनरेगा की दैनिक मजदूरी को बढ़ाकर न्यूनतम 700 रुपए करवाने के लिये.
  • निजीकरण के सहारे आरक्षण समाप्त करने के षड्यंत्र के खिलाफ.
  • OBC की जातिगत जनगणना, 27% आरक्षण लागू कराने की मांग.

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