इंदौर: पैसा दोगुना करने के नाम पर करोड़ों की ठगी, आरोपी 6 साल बाद चढ़े पुलिस के हत्थे

Indore news:  इंदौर क्राइम ब्रांच ने करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी के आरोप में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जो छह साल से फरार थे. आरोपियों पर करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी का केस दर्ज है.आरोपी निवेश के नाम पर करोड़ों की धोखाधड़ी को अंजाम दे चुके हैं. आरोपी चिटफंड कंपनी बनाकर लोगों से रुपये लेकर फरार […]

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Indore news:  इंदौर क्राइम ब्रांच ने करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी के आरोप में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जो छह साल से फरार थे. आरोपियों पर करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी का केस दर्ज है.आरोपी निवेश के नाम पर करोड़ों की धोखाधड़ी को अंजाम दे चुके हैं. आरोपी चिटफंड कंपनी बनाकर लोगों से रुपये लेकर फरार हो गए थे. पलासिया थाना पुलिस छह साल से इनकी तलाश कर रही थी. फरारी के दौरान दोनों सब्जी और लहसून का व्यापार कर रहे थे.

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डीसीपी क्राइम ब्रांच निमिष अग्रवाल के जानकारी देते हुए बताया कि आरोपी चिटफंड कंपनी के नाम पर पंजाब, राजस्थान, छत्तीसगढ़ सहित मध्य प्रदेश के कई इलाकों में अपना नेटवर्क फैला चुके हैं. महज 500 रूपये निवेश कर 6 साल में उसे कई गुना करने का लालच देकर करोड़ों की ठगी कर चुके है.

इतना ही नहीं कई फरियादियों ने कंपनी में लाखों रुपए निवेश किया था, क्राइम ब्रांच को सूचना मिली थी कि यूएचके इंडिया लिमिटेड और मालवांचल इंडिया लिमिटेड चिटफंड कंपनी की मुख्य आरोपी इंदौर में ही फरारी काट रहा है। जिसके बाद क्राइम ब्रांच ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

2017 से चिटफंड सामने आया था चिटफंट घोटाला
2017 से चिटफंड कंपनी के मुखिया संजय पुत्र माखनलल वर्मा निवासी देवास व उसका अन्य डायरेक्टरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था. आरोपी द्वारा मनोरमा गंज में मालवा अंचल इंडिया और साकेत चौराहे पर यूएसके इंडिया के नाम से ऑफिस संचालित किया जा रहा था. आरोपियों ने निवेश के नाम पर लालच देकर पहले एक सर्टिफिकेट शुरू कर दिया जाता था और 5 वर्ष बाद इन्वेस्टमेंट कंपनी में लगाई गई रकम को डेढ़ गुना और दोगुना करने का लालच दिया जाता था. सूचना पर दो आरोपी पप्पू पटेल निवासी देवास व गोपाल पटेल निवासी टोंक खुर्द को गिरफ्तार किया है. दोनों ही आरोपी इस इन्वेस्टमेंट कंपनी में डायरेक्टर के पद पर कार्यरत थे. आरोपियों ने हरियाणा के हिसार राजस्थान के अलवर, छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में निवेशकों से करोड़ों की धोखाधड़ी को अंजाम दिया हैं, काफी समय से पुलिस को इनकी तलाश थी.

लोगों के  करोड़ों रूपये लेकर फरार
आरोपियों ने बचत योजना निकाली और दावा किया कि पांच साल में निवेश की राशि को दोगुना कर सकते हैं. आरोपियों ने करोड़ों रुपयों की पालिसी बेची और समय आने पर आफिस बंद कर फरार हो गए. पुलिस ने वर्मा को तो केस दर्ज होने के दो साल बाद पकड़ लिया, लेकिन शेष आरोपित फरार हो गए. सोमवार को क्राइम ब्रांच ने सहयोग में शामिल आरोपित गोपाल पटेल और पप्पू पटेल को चोइथराम सब्जी मंडी से गिरफ्तार कर लिया.सभी आरोपियों पर 420 406 सहित अन्य धाराओं में मामले दर्ज है.

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