इंदौर: पानी की बर्बादी के लिए रोका तो नगर निगम के इंजीनियर की जमकर कर दी पिटाई, निगम स्टाफ पर भी लगे ये गंभीर आरोप

धर्मेंद्र कुमार शर्मा

20 Apr 2024 (अपडेटेड: Apr 20 2024 5:36 PM)

इंदौर के खजराना थाना इलाके की काशी नगर कॉलोनी में नगर निगम के सहायक यंत्री और लाइन मैन के साथ मारपीट और देसी कट्टे से धमकाने का मामला सामने आया है. शिकायत का निराकरण करने गए सहायक यंत्री और लाइन मैन पर दो भाईयों ने हमला कर दिया.

Indore News, Indore Municipal Corporation

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Indore News: इंदौर के खजराना थाना इलाके की काशी नगर कॉलोनी में नगर निगम के सहायक यंत्री और लाइन मैन के साथ मारपीट और देसी कट्टे से धमकाने का मामला सामने आया है. शिकायत का निराकरण करने गए सहायक यंत्री और लाइन मैन पर दो भाईयों ने हमला कर दिया और उनके कपड़े तक फाड़ दिए एवं मोबाइल भी छीन लिया. देसी कट्टे से धमकाते हुए जान से मारने की धमकी दी, जिसके बाद निगम के अधिकारी और कर्मचारी भारी संख्या में खजराना थाने पहुंचे और आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया.

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निगम के जोन 19 में कार्यरत नर्मदा नदी वाटर सप्लाई के सहायक यंत्री पंकज दहायत और लाइन मैन किशोर हतागले निगम को कम प्रेशर से पानी मिलने की शिकायत मिली थी, जिसका निराकरण करने वे दोनों काशी नगर गए थे. जहां जांच के दौरान वहीं के निवासी रितेश और प्रीतेश करोसिया परिवार के साथ उनके मकान की तराई को लेकर महिलाओं से बहस हो गई.

जिसके बाद रितेश और प्रीतेश निकले और उन्होंने पंकज दहायत और लाइन मैन किशोर के साथ मारपीट शुरू कर दी और कपड़े फाड़कर मोबाइल भी छीन लिया और मौके से भगा दिया. जब लाइन मैन किशोर मोबाइल लेने गया तो उसे देसी कट्टा दिखाते हुए सहायक यंत्री और उसे जान से मारने की धमकी दी, जिसके बाद दहायत ने मामले की जानकारी निगम कंट्रोल रूम को दी. जिसके बाद निगम के अधिकारी और नर्मदा प्रोजेक्ट के ईई संजीव श्रीवास्तव भी थाने पहुंचे और मामला दर्ज करवाया.

महिलाओं से बहस हुई तो उनके पतियों ने हमला कर दिया- पीड़ित सहायक यंत्री

इस बारे में मारपीट के शिकार पंकज दहायत ने बताया निगम का काम करने के दौरान महिलाओं से बहस हो गई थी, इसके बाद रितेश और प्रीतेश ने हम दोनों पर हमला कर दिया. मेरे कपड़े भी फाड़ दिए और मोबाइल छीन लिया. जब मैंने मेरा मोबाइल लेने के लिए लाइनमैन किशोर को भेजा तो उसे भी कट्टा अड़ा कर हम दोनों को जान से मारने की धमकी दी.

निगम इंजीनियर और उनके स्टाफ ने गालियां दीं- पीड़ित महिलाएं

इस मामले में पीड़ित पक्ष की महिलाओं का कहना है कि निगम के अधिकारी हमारे निर्माणधीन मकान में पानी की सप्लाई चेक करने के नाम पर घुसे और बेवजह पानी बहाने का आरोप लगाया. जब हमने उन्हें बताया कि हम यह पानी पड़ोसी के बोरिंग से उनकी सहमति से ले रहे हैं तो इस बात पर वह गुस्सा हो गए और गालियां देना शुरू कर दी. इसके बाद हम दोनों के पतियों ने आकर उन्हें समझाया लेकिन इसके बाद भी उन्होंने गाली गलौज जारी रखा. इसी बात को लेकर विवाद हो गया, कट्टा लेकर धमकाने की बात सरासर झूठी है.

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