उज्जैन महाकाल में होली पर लगी आग के बाद रंग पंचमी में किया गया ये बड़ा बदलाव, ऐसे हुई पूजा

संदीप कुलश्रेष्ठ

30 Mar 2024 (अपडेटेड: Mar 30 2024 3:26 PM)

उज्जैन के महाकाल मंदिर के गर्भगृह में गुलाल के कारण आगजनी की घटना हो गई थी, उसके बाद मंदिर समिति ने यह निर्णय लिया था कि रंग पंचमी पर कोई खास कार्यक्रम नहीं किया गया. केवल परंपरा का निर्वहन किया गया.

mptak
follow google news

Ujjain Mahakal Temple: उज्जैन के महाकाल मंदिर के गर्भ गृह में होली के दिन गुलाल के कारण हुई आगजनी की घटना के बाद बाबा महाकाल के मंदिर में ये बड़ा बदलाव किया गया. कहा जा सकता है कि रंग पंचमी फीकी रही. दरअसल, आगजनी की बड़ी घटना के बाद मंदिर समिति ने यह निर्णय लिया कि रंग पंचमी होने वाली रंग और गुलाल से भरी पूजा नहीं होगी, केवल परंपरा का निर्वहन किया जाएगा और इसके लिए बाबा महाकाल पर एक लोटा केसर युक्त जल चढ़ाया गया.

यह भी पढ़ें...

परम्परा के सम्यक निर्वहन के लिए विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल के मंदिर में सुबह 4 बजे भस्म आरती में बाबा को एक लोटा केसर युक्त जल चढ़ाया गया. भक्तों को जांच के बाद ही मंदिर में प्रवेश दिया गया. पिछले दिनों हुई आग की घटना के बाद प्रशासन विशेष सतर्कता बरत रहा है. श्री महाकालेश्वर मंदिर उज्जैन में रंग पंचमी का पर्व हर्षोल्लास और उमंग के साथ मनाया जा रहा है. 

भीड़ रोकने के लिए कड़े इंतजाम 

बाबा महाकाल को भक्तिभाव से एक लोटा केसरयुक्त रंग का जल अर्पित कर प्रतीकात्मक रूप से रंगपंचमी का त्योहार मनाया गया. भस्म आरती के दौरान प्रशासन, पुलिस और मंदिर प्रशासन का अमला पूरी तरह मुस्तैद रहा. उज्जैन कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने भस्म आरती की व्यवस्थाओं की मॉनिटरिंग की. प्रशासन, पुलिस एवं सुरक्षा एजेंसी के आपसी समन्वय से भस्म आरती का सुव्यवस्थित संचालन किया गया. श्रद्धालुओं के लिए भस्म आरती के दौरान बेहतर बैठक व्यवस्था रही. गर्भगृह में अनावश्यक प्रवेश पर प्रतिबंध रहा. 

महाकाल परिसर में रंग-गुलाल ले जाने पर रहा प्रतिबंध

बेहतर व्यवस्था के दृष्टिगत सीमित संख्या में पुजारियों को प्रवेश दिया गया. उल्लेखनीय है कि महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के निर्णय अनुसार रंग पंचमी पर्व पर परम्परा के सम्यक निर्वहन के लिए भस्मार्ती में एक लोटा केसरयुक्त जल भगवान महाकाल को अर्पित किया गया. इसके अतिरिक्त गर्भगृह, नंदी मण्डपम्, गणेश मण्डपम्, कार्तिकेय मण्डपम् और सम्पूर्ण मंदिर परिसर में किसी भी प्रकार का रंग-गुलाल इत्यादि ले जाना, रंग-गुलाल उड़ाया जाना, आपस में रंग-गुलाल लगाना, किसी विशेष उपकरण का उपयोग कर रंग के उड़ाने पर पूरी तरह प्रतिबंधित रहा. सभी श्रद्धालुओं को मंदिर में किसी प्रकार का रंग-गुलाल लेकर प्रवेश नहीं कर सकें.

    follow google newsfollow whatsapp