Madhya Pradesh news: प्रदेश में शराब नीति को लेकर शुरू हुई सरगर्मी थमने का नाम नहीं ले रही है. इस मुद्दे को लेकर उमा भारती लगातार शिवराज सिंह चौहान सरकार पर आक्रामक हैं. आज उमा भारती ने फिर ट्वीट करके मध्यप्रदेश सरकार की शराब नीति पर सवाल उठाए. उमा भारती ने उनके दिए गए सुझावों के मुताबिक शराब नीति के अब तक लागू न होने को लेकर हैरानी जताई है और शिवराज सरकार पर तंज भी कसे हैं.
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पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती इससे पहले भी कई बार शराब नीति के मामले में शिवराज सरकार पर सवाल उठा चुकी हैं. तीन दिन पहले उमा ने ट्वीट कर कहा था कि ‘मध्यप्रदेश की घिनौनी शराब नीति से यह साबित हो गया है कि वह अपने कर्तव्य में फेल हो गए हैं’. उन्होंने कहा कि ‘वे शिवराज नहीं बल्कि शराब के खिलाफ हैं.’
ट्विटर पर कसा तंज
उमा भारती ने आज इस मुद्दे पर तंज कसते हुए कहा कि ‘मैंने समाचार पत्रों में पढ़ा कि मध्यप्रदेश की शराब नीति जो 31 जनवरी को घोषित होनी थी वह मेरी वजह से अटक गई है. लेकिन मैंने तो 31 जनवरी से पहले ही सुझाव भेज दिए थे. अब शायद बाकियों से परामर्श चल रहा होगा.’
शिवराज के खिलाफ नहीं हूं- उमा भारती
उमा भारती शराब नीति में सुधार की लगातार मांग कर रही हैं. इसको लेकर कई बार सरकार को आड़े हाथों लिया है. लेकिन उमा का कहना है कि उनका आंदोलन सरकार के खिलाफ कभी नहीं रहा है. उन्होंने तो हमेंशा से ही शराब बंदी को लेकर ही आंदोलन किया है. 6 फरवरी को अपने एक ट्वीट में उमा भारती ने लिखा कि ‘ शराब मेरी दुश्मन है और गंगा मेरी ईष्ट हैं’.
महिला अपराध के लिए शराब जिम्मेदार
उमा भारती पूर्व में कह चुकी हैं कि प्रदेश में महिला अपराधों की बढ़ोत्तरी के लिए शराब जिम्मेदार है. उन्होंने ट्वीट करके कहा था कि ‘यदि शिवराज जी ने नियंत्रित एवं जनहितकारी शराब वितरण व्यवस्था कर दी तो महिलाओं के वोटों की ऐसी बरसात होगी की 2003 का रिकॉर्ड टूट जायेगा’. उमा भारती का कहना है कि उनका मकसद मधुशाला की जगह गौशाला को बढ़ावा देना है. वह कहती हैं कि मध्यप्रदेश में शराब नहीं बह सकती, दूध बहेगा.
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