रीवा: शर्मनाक! गाय के बछड़े से किया रेप, आरोपी की तलाश में जुटी पुलिस

विजय कुमार

06 Mar 2023 (अपडेटेड: Mar 6 2023 10:47 AM)

Rewa news:  रीवा जिले में बछड़े के साथ अप्राकृतिक दुष्कर्म का मामला सामने आया है. घटना हनुमना थाना अंतर्गत ग्राम मलैगंवा की है. फरियादी ने शिकायत दर्ज करते हुए बताया कि एक तबेले में भोर से पहले लोगों ने एक युवक को बछड़े के साथ नग्न हालत में देखा है. उसके बाद आरोपी शोर सुनकर […]

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Rewa news:  रीवा जिले में बछड़े के साथ अप्राकृतिक दुष्कर्म का मामला सामने आया है. घटना हनुमना थाना अंतर्गत ग्राम मलैगंवा की है. फरियादी ने शिकायत दर्ज करते हुए बताया कि एक तबेले में भोर से पहले लोगों ने एक युवक को बछड़े के साथ नग्न हालत में देखा है. उसके बाद आरोपी शोर सुनकर फरियादी को धक्का देकर फरार हो गया है. पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी की तलाश शुरू कर दी है.

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जानकारी के मुताबिक मामला मलैगंवा का है. फरियादी राम बहादुर केवट ने हनुमना थाना जाकर अपनी शिकायत दर्ज कराई है. फरियादी ने बताया कि सुबह 7:00 बजे वह अपनी 2 साल की गाय की बछिया को घर के पीछे की तरफ पेड़ से बांधकर थ्रेशर लगाने के लिए खेत चला गया था.

खेत से रात करीब 11 बजे थ्रैशर बंद करके वापस घर आया तो देखा कि  2 साल की गाय की बछिया के पैर रस्सी से बंधे थे. और गांव का प्रभुनाथ केवट दुष्कर्म कर रहा था. उसे मैंने पकड़ने का प्रयास किया लेकिन वह धक्का देकर भाग गया. पुलिस ने आरोपी के खिलाफ  377 एवं 11 पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के तहत अपराध पंजीबद्ध कर मामले को जांच में लिया है.

लेकिन क्या ये कोई पहला मामला है?
भले ही रीवा की इस घटना ने सभी को चौंका दिया है, लेकिन ये कोई पहला मामला नहीं है. अमरीका के उत्तरी-पूर्वी फ्लोरिडा में पशुओं पर होने वाले यौन हमले में बकरियों को सबसे ज़्यादा टारगेट किया जाता है. एनसीबी की रिपोर्ट में भी एक ऐसे ही मामले का ज़िक्र किया गया है जिसमें एक 18 साल के युवक ने अपनी गौशाला में पले दो बछड़ों के साथ दुष्कर्म किया. दोनों बछड़ों में से एक की बाद में मौत हो गई. बाद में जब बछड़े की फॉरेंसिक जांच हुई तो ह्यूमन सीमन मिला. हालांकि जब उस युवक को गिरफ़्तार किया गया तो उसे किसी भी तरह का पछतावा नहीं था. भारत में ऐसे मामले, आईपीसी की धारा 377 के तहत दर्ज होते हैं, भारत के अलावा कई यूरोपीय देशों जैसे नीदरलैंड, फ्रांस और स्विट्ज़रलैंड, डेनमार्क में ये प्रतिबंधित है. इसके अलावा जर्मनी में भी इस पर रोक है. ब्रिटेन में साल 2003 में इससे जुड़ी सज़ा में बदलाव किया गया और आजीवन कारावास की अधिकतम सज़ा को घटाकर दो साल कर दिया गया.

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