Loksabha Chunav 2024: मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण से पहले कांग्रेस को एक बार फिर बड़ा झटका लगा है. कांग्रेस के अभी तक कुल दो विधायक दल बदल कर चुके हैं. सागर जिले की कांग्रेस की एक मात्र सीट बीना विधानसभा सीट भी अब कांग्रेस के हाथ से चली गई है. यहां से कांग्रेस विधायक निर्मला सप्रे ने बीजेपी का दामन थाम लिया है. लोकसभा चुनाव से पहले अब तक कांग्रेस के 3 विधायक बीजेपी में शामिल हो चुके हैं.
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आपको बता दें आज सीएम मोहन यादव तीसरे चरण के लिए सागर लोकसभा में होने वाली वोटिंग को लेकर राहतगढ़ में जनसभा को संबोधित करने पहुंचे थे. जहां कांग्रेस विधायक निर्मला सप्रे ने बीजेपी का दामन थाम लिया है. इस दौरान उनके साथ सागर संभाग के सभी दिग्गज नेता मौजूद रहे. खुद सीएम मोहन यादव ने निर्मला सप्रे को बीजेपी का अंग वस्त्र उड़ाकर सदस्यता ग्रहण कराई.
किसी को नहीं बीजेपी में जाने की खबर
सूत्रों की माने तो निर्मला सप्रे की सीधे बीजेपी के दिग्गज नेताओं से बातचीत हुई थी. यही कारण है कि किसी को कानों कान खबर नहीं थी कि निर्मला सप्रे कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल होने वाली हैं. बीना के स्थानीय लोगों की माने तो सुबह तक उनके पास ऐसी कोई जानकारी नहीं थी कि वे बीजेपी में जा रही हैं, तो वहीं बीजेपी नेताओं की माने तो राहतगढ़ में मंच पर निर्मला सप्रे को आते देख सभी चौंक गए. जानकार बतातें हैं कि इस पूरे दलबदल में खुरई से पूर्व विधायक और वर्तमान विधायक भूपेंद्र सिंह और अरूणोदय चौबे का हाथ है.
BJP में शामिल होने के बाद क्या बोली सप्रे?
कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुई निर्मला सप्रे ने मीडिया से बातचीत में कहा कि "मैंने जो जनता से वादे किए थे. वो विपक्ष में रहकर पूरे नहीं हो पा रहे थे. इसके अलावा सीएम मोहन यादव के एजेंडे से प्रभावित होकर आज बीजेपी ज्वाइन की है". सप्रे आगे कहती हैं "इसके साथ ही बीजेपी ज्वाइन करने के पीछे का सबसे बड़ा कारण पीएम मोदी हैं. उन्हीं से प्रभावित होकर आज ये फैसला लिया है".
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बीजेपी प्रत्याशी को 6 हजार वोटों से हराया था चुनाव
बीना विधानसभा सागर जिले की एकमात्र ऐसी विधानसभा थी जहां पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी. तो वहीं बीजेपी उम्मीदवार रहे महेश राय ने विधानसभा चुनाव में हुई हार का ठीकरा जिला अध्यक्ष गौरव सिरोठिया पर फोड़ा था. उस दौरान उन्होंने कहा था कि जिला अध्यक्ष के कारण ही मेरी विधानसभा में एक भी बड़े नेता की सभा नहीं हो पाई है. आपको बता दें निर्मला सप्रे ने बीजेपी प्रत्याशी महेश राय को करीब 6 हजार वोटों से चुनाव हराया था.
25 साल बाद सीट जीती थी कांग्रेस
बीना विधानसभा सीट को बीजेपी का गढ़ माना जाता है. यहां पर साल 1998 से 2018 तक बीना बीजेपी का एक छत्र राज रहा है. बीना विधानसभा सीट पर 25 साल बाद कांग्रेस को जीत मिली थी. लेकिन अब कांग्रेस विधायक के बीजेपी में जाने के बाद उपचुनाव होंगे. जिसमें देखना होगा कि कांग्रेस एक बार फिर क्या बीजेपी के इस किले को भेद पाती है या फिर नहीं.
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