Madhav National Park: बाघ विहीन हो चुके शिवपुरी के माधव राष्ट्रीय उद्यान में अब 27 वर्ष के बाद फिर से बाघों की दहाड़ सुनाई देगी. राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) की अनुमति मिलने के बाद बाघ पुनर्स्थापना योजना के अंतर्गत बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से भी एक बाघिन को विशेष वाहन से शिवपुरी लाया गया है. शिवपुरी के लिए शुक्रवार को खुशी का दिन है, क्योंकि 27 साल बाद एक बार फिर माधव नेशनल पार्क में तीन बाघों की दहाड़ सुनाई देगी. इनमें एक नर और दो मादाएं होंगी. इन्हें बलारपुर के वन में तीन अलग-अलग बाड़े बनाए गए हैं.
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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया बाघों को बाड़ों में छोड़ेंगे. ये तीनों बाघ मध्य प्रदेश के ही पार्कों से लाए जा रहे हैं, इसलिए इन्हें एकांतवास में नहीं रखा जाएगा. तीनों बाड़े जालियों से जुड़े रहेंगे, जिससे इनमें निकटता बढ़ जाए. एक माह बाद इन्हें उद्यान के 375 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले जंगल में छोड़ दिया जाएगा. इस उद्यान में 1989 में भी टाइगर सफारी बनाकर बाघ का एक जोड़ा छोड़ा गया था, लेकिन ये बाघ नरभक्षी हो गए थे, जिससे सफारी बंद करनी पड़ गई थी.
बाघ विहीन हो गए थे पन्ना और शिवपुरी का माधव नेशनल पार्क
मध्यप्रदेश के दो राष्ट्रीय उद्यान पन्ना टाइगर रिजर्व और शिवपुरी का माधव राष्ट्रीय उद्यान बाघ विहीन हो गए थे. पन्ना टाइगर रिजर्व में वर्ष 2009 में बाघ पुनर्स्थापना योजना शुरू की गई. अब यहां करीब 78 बाघ हो गए हैं. माधव राष्ट्रीय उद्यान में 1997 में आखिरी बार बाघ देखा गया था. पन्ना की तर्ज़ पर अब राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण की अनुमति मिलने के बाद शिवपुरी में भी बाघ पुनर्स्थापना योजना शुरू की जा रही है. इसके लिए बाघ की बहुलता वाले टाइगर रिजर्व बांधवगढ़ और कान्हा से नर और मादा बाघिन शिवपुरी भेजी जा रही हैं.
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बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से पन्ना भी भेजी गई थी बाघिन
पन्ना में बाघों को पुनः बसाने की योजना में भी बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व की भूमिका रही थी, उस समय भी यहां से मादा बाघिन पन्ना के लिए भेजी गई थी. अब माधव राष्ट्रीय उद्यान में भी बाघ पुनर्स्थापना योजना में बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रहा है. पनपथा बफर परिक्षेत्र से एक बाघिन को 04 मार्च को रेस्क्यू किया गया था, जिसे आज विशेष वाहन से शिवपुरी के लिए रवाना किया गया.
गौरतलब है बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व पूरी दुनिया में बाघों की सर्वाधिक घनत्व वाला पार्क है. वर्तमान में भी यहां बाघों की जनसंख्या 140 के करीब है.
इनपुट- शहडोल से रावेंद्र शुक्ला
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