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आत्माराम पारदी हत्याकांड: मां और भाई के बाद प्रमुख गवाह सरजुड़ी बाई की मौत, पुलिस पर सवाल

विकास दीक्षित

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Atmaram Pardi murder case: After mother and brother, prime witness Sarjudi Bai dies, police did not come even after information
Atmaram Pardi murder case: After mother and brother, prime witness Sarjudi Bai dies, police did not come even after information
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Guna News: हाई प्रोफाइल आत्माराम पारदी हत्याकांड से जुड़े अहम गवाहों की मौत ने केस को दोबारा चर्चाओं में ला दिया है. मृतक आत्माराम पारदी की मां अप्पीबाई, भाई मरदूम के बाद अब केस की तीसरी प्रमुख गवाह सरजुड़ी बाई की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है. सरजुड़ी बाई की मौत ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं. हाईप्रोफाइल केस में स्थानीय पुलिस की लापरवाही भी उजागर हुई है. वायरल वीडियो में पूर्व जनपद पंचायत अध्यक्ष सुलोचना बाई जलती हुई चिता के पास खड़ी होकर पुलिस की लापरवाही की दुहाई दे रही है.

सुलोचना बाई भी आत्माराम पारदी हत्याकांड की अहम गवाह है. वीडियो में सुलोचना बाई कह रही है कि “आत्माराम पारदी हत्याकांड की गवाह सरजुड़ी बाई खत्म हो गई, पोस्टमार्टम पंचनामा बनाने के लिए पुलिसवाले नहीं आये. धरनावदा थानेदार और एसडीओपी अस्थाना से बोला था वो भी नहीं आये. हम अंतिम संस्कार कर रहे हैं, एसपी साहब को बता दिया है”

पुलिस की कार्यशैली पर उठ रहे सवाल
40 सेकंड के इस वीडियो में पुलिस के गैर जिम्मेदाराना रवैये को उजागर किया है. जिस हाईप्रोफाइल केस को खुद हाईकोर्ट मॉनिटर कर रहा है. उस केस में पुलिस का लचीला रवैया खाकी को कटघरे में खड़ा करता दिखाई देता है. सुलोचना बाई का कहना है कि उन्हें भी सुरक्षा प्रदान की जाए. आरोपी सब इंस्पेक्टर रामवीर सिंह उर्फ दाऊ पूरे परिवार को खत्म करवाना चाहता है.

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6 महीनों से CID को SI का कोई सुराग नहीं
आत्माराम पारदी हत्याकांड का मुख्य आरोपी सब इंस्पेक्टर रामवीर सिंह कुशवाहा उर्फ दाऊ पिछले 6 महीने से फरार है. आत्माराम पारदी केस की मॉनिटरिंग ग्वालियर हाईकोर्ट की निगरानी में हो रही है. सीआईडी की टीम मामले की जांच कर रही है. वर्ष 2015 में पार्वती नदी के किनारे आत्माराम पारदी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. आरोप है कि सब इंस्पेक्टर रामवीर सिंह ने अपने साथियों के साथ मिलकर गोली मारी उसके बाद आत्माराम की लाश को सब इंस्पेक्टर अपने वाहन में डालकर कहीं ले गया. लाश को ठिकाने लगाने के बाद सब इंस्पेक्टर द्वारा आत्माराम पारदी के परिवार को प्रताड़ित किया गया.

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SI की संपत्ति कुर्क के आदेश
पीड़ित परिवार ने हाईकोर्ट में परिवाद दायर किया तो न्यायालय ने सख्ती बरतते हुए पुलिस की लापरवाही पर सवाल खड़े किए. हाईप्रोफाइल केस को CID के सुपुर्द किया गया. सीआईडी की टीम ने जांच करते हुए आरोपी सब इंस्पेक्टर रामवीर सिंह उर्फ दाऊ के ठिकानों पर छापेमारी की और संपत्ति कुर्क करने के आदेश भी जारी करवाये गए. सब इंस्पेक्टर रामवीर सिंह , कांस्टेबल योगेंद्र सिसोदिया, रघु तोमर, दिनेश गुर्जर उर्फ बनिया समेत अन्य आरोपी बनाये गए जिनके खिलाफ इनाम घोषित किये गए हैं.

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SI काे प्राप्त है राजनैतिक संरक्षण
आत्माराम पारदी हत्याकांड में सब इंस्पेक्टर रामवीर सिंह उर्फ दाऊ को राजनीतिक संरक्षण मिला हुआ है. सीआईडी का कहना है कि स्थानीय पुलिस से उन्हें सपोर्ट नहीं मिल रहा है. हालांकि हाईकोर्ट के आदेश के बाद वैधानिक कार्रवाई लगातार की जा रही है.

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