Madhya Pradesh: बैतूल जिले में रविवार की शाम को तेज हवा के साथ भारी बारिश और ओलावृष्टि हुई. ओलावृष्टि से खेतों और सड़क पर बर्फ की चादर बिछ गई. ओले के आकार इतने बड़े थे, कि लोगों के घरों में लगी सीमेंट की सीट भी टूट गई. इससे फसलों को भारी नुकसान हुआ है. गेहूं के साथ ही गन्नाबाड़ी, सब्जी और तरबूज की फसलें भी पूरी तरह से तहस-नहस हो चुकी हैं.
बैतूल जिले में रविवार की शाम को भारी बारिश और ओलावृष्टि हुई. ओले गिरने से नजारा शिमला जैसा हो गया. एक ओर जहां लोग बर्फ के बीच घूमने का मजा ले रहे थे तो वहीं दूसरी ओर किसानों के सिर पर चिंता की लकीरें खिंच गईं थी. मार्च से शुरू हुई इस बेमौसम बारिश की मार ने किसानों की फसलों को चौपट करने के साथ ही उनके सपनों पर पानी फेर दिया है.
बड़े आकार के ओले से बर्बाद हुईं फसलें
बैतूल जिले के आमला विकासखंड के कई गांवों में बारिश के साथ भारी ओलावृष्टि हुई. आमला क्षेत्र के माहोली, डोडावानी, कुटखेड़ी, सेमरिया, जमबाड़ी, बड़ाखारी, सम्मूढाना, रतेड़ाकला और रैयतवाड़ी गांवो में भारी ओलावृष्टि हुई है. बताया जा रहा है कि इन गांव में कहीं-कहीं आंवला के आकार के तो कहीं बेर के आकार के ओले गिरे हैं. इससे फसलों को भारी नुकसान हुआ है.
छिन गई घरों की छत
रविवार को हुई बारिश और भारी ओलावृष्टि ने इलाके में तबाही मचा दी. भारी ओलावृष्टि से फसलें बुरी तरह चौपट हो गईं. कई लोगों के घरों की छत भी छिन गई. युवराज पारखे ने बताया कि बड़े साइज के ओले गिरने से उनके घर के ऊपर लगी सीमेंट की सीट भी टूट गई और ओले घर के अंदर गिर गए. जिससे घर का सामान भी खराब हो गया है. उनके खेत पर खड़ी गेहूं की फसल जो कुछ दिन बाद ही कटने वाली थी वह भी ओले के नीचे दब गई है.
बारिश में बैल की मौत
बारिश और ओलावृष्टि ने ऐसी तबाही मचाई की सब कुछ बर्बाद कर दिया. इससे बड़ाखारी गांव में एक बैल की मौत हो गई. तेज हवा चलने से एक सरकारी स्कूल शासकीय माध्यमिक शाला छावल के स्कूल की टीन की छत उड़ गई. खेतों में जहां फसल काटने को तैयार है और ऐसे में बिन मौसम बारिश और ओलावृष्टि के चलते किसानों को भारी नुकसान हो रहा है.
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