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हीरे की नीलामी बनी मजाक, व्यापारी ने एक हीरे की दो बार लगाई बोली, फिर भी नहीं खरीदा; आखिर क्या है वजह?

दीपक शर्मा

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Diamond Auction in Panna: पन्ना तीन दिनों तक चली हीरा नीलामी की प्रक्रिया पूरी हो गई, लेकिन आखिरी दिन हीरा कार्यालय द्वारा एक ऐसा बड़ा हीरा नीलामी में रख दिया, जो 2022 की बोली में भी नीलामी के लिए रखा गया था. हीरे की नीलामी में देश भर से व्यापारी आते है, लेकिन कुछ शातिर हीरा व्यापारी हीरे की नीलामी को मजाक बनाकर उच्चतम बोली लगाकर भी हीरा नही खरीदते, जिससे अन्य व्यापारियों और हीरा धारक को परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

खुली बोली (नीलामी) में व्यापारियों के हंगामे ओर विवाद का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें हीरा व्यापारी पन्ना के हीरा अधिकारी रवि पटेल से बीच बोली में भेदभाव करने के आरोप लगाते हुए दिखाई दे रहे हैं और वह ऐसे शातिर हीरा व्यापारियों को प्रतिबंधित करने की मांग कर रहे हैं. वायरल वीडियो हीरा नीलामी की खरीदी यानी कल का बताया जा रहा है.

वायरल वीडियो में इस बात से हीरा अधिकारी को अवगत कराया और बताया गया कि वैसे ही अंतर्राष्ट्रीय मंदी है और जो हीरे हैं. जिनकी 2022 में बोली लग चुकी और वह पहले से बिका हुआ है. इससे सरकार को राजस्व का घाटा हुआ है.

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कुछ ऐसे हुआ नीलामी में घालमेल
बताया जा रहा है की 20 अक्टूबर 2022 को पन्ना के हीरा व्यापारी भूपेंद्र सिंह ने 4.2 कैरेट का हीरा 2 लाख 63 हजार प्रति कैरेट बोली लगाकर 10 लाख 57 हजार 260 रुपये में खरीदा था, लेकिन बोली की राशि जमा नहीं की और हीरा नहीं उठाया, जबकि बोली के बाद एक से छह माह में हीरे की बोली राशि जमा कर उसे लेना होगा. इस नीलामी में भी वही हीरा रखा गया, जिसका अन्य हीरा व्यापारियों द्वारा विरोध किया. वहीं एक अन्य मामले में अक्टूबर 2022 की नीलामी में ही पन्ना के हीरा व्यापारी भूपेंद्र सिंह द्वारा 2.13 कैरेट का हीरा 88 हजार 900 रुपये प्रति कैरेट की दर से 1 लाख 89 हजार 3 सौ 57 रुपये में खरीदा था और फिर नहीं उठाया.

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अब यही हीरा 21 फरवरी 2023 को भूपेंद्र सिंह ने 81 हजार प्रति कैरेट की रेट से 1 लाख 72 हजार 530 रुपये का खरीदा है, जिसमें 16 हजार 8 सो 27 रुपये का हीरा धारक को कम मिले. वहीं सरकार की रायल्टी का नुकसान भी हुआ.

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कुछ व्यापारियों ने लगाई है आपत्ति
हीरा अधिकारी पन्ना रवि पटेल ने बताया कि बोली के दौरान कुछ व्यापारियों को आपत्ति हुई थी, पहले बोलियों में रखे हुए हीरे को फिर से नई नीलामी में रखा गया था, इन व्यापारियों का आरोप था की पहले विक्रय हुए हीरो को दोबारा बोली के लिए ना रखा जाए, लेकिन हीरा कार्यालय के पास बोली राशि पांच हजार रुपये जब्त करने के अलावा कोई प्रावधान नहीं है. जिन लोगों ने बोली के बाद हीरे नहीं उठाए, उनकी बोली राशि को जब्त कर लिया गया.

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