गुना सांसद डॉ. केपी यादव ने फिर कसा सिंधिया पर तंज, बोले, ‘वे विदेशाें में पले-बढ़े हैं, इसलिए’…
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mp politics: गुना से बीजेपी सांसद डॉ. केपी यादव और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच लगातार राजनीतिक शीत युद्ध जारी है. सिंधिया पर बयानबाजी को लेकर बीते दिन डॉ. केपी यादव को भोपाल में बीजेपी कार्यालय में तलब किया गया था. जिसके बाद वे बीजेपी कार्यालय से ऑल इज वैल कहते हुए बाहर निकले थे. लेकिन जुबां पर जो बात है, वह दिलों में दिखाई नहीं पड़ रही है. MP Tak को दिए इंटरव्यू में डॉ. केपी यादव बोल रहे हैं कि सिंधिया की परवरिश विदेशों में हुई है. वे विदेशों में पले-बढ़े हैं. इसलिए उनको बीजेपी में ढलने में कठिनाई आ रही है.
हालांकि सांसद ने ये भी कहा कि अब ज्योतिरादित्य सिंधिया खुद में बदलाव ला रहे हैं. जनता के बीच पहुंच रहे हैं. कांग्रेस और बीजेपी की रीति नीति में काफी अंतर है. ज्योतिरादित्य सिंधिया को बीजेपी में ढलने में कठिनाई आ रही होगी लेकिन फिर भी वे जनता के बीच सक्रिय हैं.
डॉ. के पी यादव ने MPTak से खास बातचीत में बताया कि ज्योतिरादित्य सिंधिया जब कांग्रेस में हुआ करते थे उस वक्त राहुल गांधी से उनकी अच्छी दोस्ती यारी थी. इन लोगों का लालन पालन विदेश में हुआ है. विदेश का कल्चर और भारतीय संस्कृति बिल्कुल अलग हैं. बीजेपी और कांग्रेस के सिद्धांतों में भी काफी अंतर है. सांसद ने कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया में धीरे धीरे बदलाव आ रहा है.
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सिंधिया के साथ आए मंत्री-विधायकों में आज भी कांग्रेस की विचारधारा- केपी यादव
सांसद डॉ. केपी यादव ने कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कई मंत्री-विधायक कांग्रेस से भाजपा में आए. लेकिन उनमें से कई लोगों की विचारधारा आज भी कांग्रेस की है. ऐसे लोग आज साढ़े तीन साल गुजरने के बाद भी भाजपा में आस्था नहीं रख रहे हैं. ऐसे ही लोगों की वजह से तकलीफ हो रही है. ऐसे लोग भाजपा से खुद ही दूर हो जाएंगे. केवल वे ही बचेंगे जो भाजपा की रीति नीति में विश्वास रखते हैं.
सांसद ने कहा, भाजपा में नहीं चलता परिवारवाद
सांसद ने कहा कि भाजपा में परिवारवाद नहीं चलता. सामान्य परिवार से आने वाले मोदी जी भी देश के प्रधानमंत्री बन सकते हैं. किसान परिवार से वास्ता रखने वाले शिवराज सिंह मुख्यमंत्री बन सकते हैं. जो राष्ट्रहित में काम करेगा उसे बड़ा दायित्व मिलेगा. ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी दो बड़े मंत्रालयों का प्रभार मिला है. दोनों ही मंत्रालय काफी बड़े हैं. सिंधिया जी का सौभाग्य है कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में काम कर रहे हैं.
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