MP News: ग्वालियर में 90 साल की असहाय बुजुर्ग हिंदू महिला की अर्थी को पास में रहने वाले मुस्लिम परिवार ने कंधा दिया और अंतिम संस्कार कराने में मदद की. मुस्लिम परिवार के इस काम ने प्रदेश में साप्रदायिक सौहार्द्र की मिसाल कायम की है. हर तरफ उनके इस काम की तारीफ हो रही है. उन्होंने बुजुर्ग महिला का अंतिम संस्कार पूरे विधि विधान से उनकी बेटी के जरिए ही कराया.
गुरुवार को न्यू रेलवे कॉलोनी में रहने वाली 90 वर्षीय रामदेही माहौर ने अपनी झोपडी में दम तोड दिया.बताया गया है कि पिछले कुछ महीनों से वह बीमार चल रही थी. पति की मौत हो चुकी है. वह अपने भतीजे के भरोसे उसके साथ रहती थी लेकिन उसके साथ रहने में महिला असहज थी इसलिए उसका घर छोड़कर वह दूर न्यू रेलवे कॉलोनी में आकर रहने लगी थी. यहां पर बुजुर्ग महिला के लिए मददगार बने पास में ही रहने वाले नगर निगम कर्मचारी शाकिर खान.
बुजुर्ग महिला के लिए बनवाई थी झोपड़ी, 8 महीने से कर रहे थे सेवा
शाकिर ने घर के समीप ही पड़ोसियों की मदद से बुजुर्ग महिला के लिए एक झोपडी बना दी थी. रामदेही पिछले 8 महीने से बीमार थी. शाकिर का परिवार पूरी शिद्दत के साथ उनकी तीमारदारी कर रहा था. बुजुर्ग महिला की एक बेटी शीला है जो दिल्ली के मंगोलपुरी इलाके में रहती है. शीला कुछ दिनों पहले ही दिल्ली गई थी. शाकिर ने रामदेही की बेटी शीला को दिल्ली में सूचना दी. मां के शांत होने की सूचना मिलते ही शीला ग्वालियर पहुंची.
बेटी से कराया मां का अंतिम संस्कार
रामदेही हिन्दू थी, इसलिए शाकिर ने हिन्दू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार कराने की व्यवस्था की। अन्तिम यात्रा के दौरान कोई कंधा देने वाला नहीं था। ऐसे में शाकिर उसके भाई मफदूत, मासूम और इरफान खान के साथ मिलकर उन्होंने कंधा दिया। बकायदा मातमी धुन के बीच रामदेही की अंतिम यात्रा निकाली गई। श्मशान पहुंचकर बेटी शीला ने मां को मुखाग्नि दी.