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गुना सीट पर सिंधिया और केपी यादव के बीच क्या अब तक नहीं हुआ पैचअप, टिकट के ऐलान के बाद भी क्यों दिख रहा टकराव

विकास दीक्षित

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Jyotiraditya Scindia, KP Yadav
Jyotiraditya Scindia, KP Yadav
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 Lok Sabha elections 2024: गुना में क्रांतिकारी तात्याटोपे विश्वविद्यालय की स्थापना को लेकर एक बार दोबारा ज्योतिरादित्य सिंधिया और बीजेपी सांसद केपी यादव आमने सामने आ गए हैं. विश्वविद्यालय के स्थापना पर दोनों नेताओं ने मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव के प्रति आभार प्रकट किया है. सबसे खास बात है पुराने पत्र जिनका हवाला ज्योतिरादित्य सिंधिया और केपी यादव ने दिया है.

सांसद केपी यादव ने 30 जुलाई 2021 में तत्कालीन उच्च शिक्षा मंत्री रहे मोहन यादव को गुना में यूनिवर्सिटी स्थापित करने के लिए पत्र लिखा था.वहीं केंद्रीय मंत्री रहते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने तत्कालीन कृषि मंत्री कमल पटेल को लिखे गए पत्र का हवाला दिया है. सिंधिया ने 01 जनवरी 2022 में कृषि महाविद्यालय स्थापित करने के लिए पत्र लिखा था.

पत्र में सिंधिया ने लिखा था कि "गुना ज़िले की बहुत समय से लंबित कृषि महाविधालय की माँग को पूरा करते हुए मेरे अनुरोध पर क्रांतिवीर तात्या टोपे कृषि महाविधालय की स्थापना पर मप्र सरकार के लोकप्रिय मुख्यमंत्री मोहन यादव को समूचे गुना-शिवपुरी संसदीय क्षेत्र की मेरे परिवार समान जनता की ओर से आभार"

डॉ केपी यादव ने भी पत्र लिखकर जताया दावा

डॉ केपी यादव ने अपने पत्र में लिखा कि " गुना में विश्वविद्यालय के लिए क्षेत्र वासियों की ओर से निरंतर मांग की जा रही थी, जिसके लिए मैंने संसद में तथा मध्य प्रदेश सरकार में तत्कालीन उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव जी एवं प्रधानमंत्री के समक्ष मांग रखी थी. जिस पर कुछ दिनों पूर्व मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने जानकारी देते हुए गुना में विश्वविद्यालय की स्थापना की स्वीकृति प्रदान की थी.अब विधिवत रूप से मुख्यमंत्री द्वारा गुना क्षेत्र वासियों को यह विश्वविद्यालय की सौगात प्रदान की गई है और विश्वविद्यालय हमारे अंचल के क्रांतिवीर तात्याटोपे जी के नाम पर की गई घोषणा से एक महान क्रांतिकारी का नई पीढ़ी से परिचय सदा के लिए अमर हो जाएगा.

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मैं किसी क्षेत्र को नहीं छोड़ता, न किसी से द्वेष रखता हूं- सिंधिया

सिंधिया ने गुना में मीडियाकर्मियों से कहा कि मैं किसी भी क्षेत्र को छोड़ता नहीं, आप मेरे साथ कई सालों से जुड़े हैं,
चाहे मेरे पूज्य पिताजी ग्वालियर के सांसद रहे हो या गुना के सांसद रहे हों या मेरी दादी सांसद रही हैं, चाहे मैं गुना का सांसद रहा होऊं, संपूर्ण चंबल संभाग नहीं लेकिन संपूर्ण प्रदेश में कौन जितना योगदान दे सकते हैं देने का प्रयास करते हैं. उसके लिए निरंतर मेहनत समूचे प्रदेश में विकास के कार्य चाहे वह मुरैना हो या भिंड हों या ग्वालियर, अशोक नगर, शिवपुरी हों किए जाते हैं.

गुना से अब तक कांग्रेस का प्रत्याशी घोषित नहीं होने पर सिंधिया बोले, यह उनकी नीति है, हर पार्टी की अपनी रणनीति तय होती है, सभी का दायित्व है. यह सब का हक है, लड़ाई में उतारने का. गुना लोकसभा सीट से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के उतारने के सवाल पर सिंधिया का कहना था कि मैं किसी के प्रति द्वेष की भावना नहीं रखता.

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