हनीट्रैप सीडी वाले बयान से पलटे कमलनाथ, बोले- CD मेरे पास नहीं, मैं क्या करता?
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MP Politics News: हनीट्रैप सीडी मामले में पीसीसी चीफ कमलनाथ अपने बयान से पलट गए हैं. उन्होंंने कहा कि सीडी मेरे पास नही, मैं सीडी रखकर करता क्या, 30-40% सीडी मैंने देखी हैं. कमलनाथ ने बताया कि मैंने हनीट्रैप मामले में सीडी की जांच के लिए SIT को कहा था. इससे पहले कमलनाथ ने हनीट्रैप की सीडी होने का दावा किया था. सीडी मामले को लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ प्रेस काॅन्फ्रेंस कर रहे थे.
कमलनाथ ने कहा, “मैंने पेनड्राइव जरूर देखी है, पुलिस वालों ने मुझे दिखाई थी, वह सारे पेनड्राइव पुलिस के पास हैं उन्होंने दिखाएं मैंने कहा और जांच करो मैंने उस वक्त कहा और जांच करिए यह सही है या गलत है.आज के डेट में कोई भी कुछ भी बना देता है, मैं ऐसा कुछ भी नहीं करना चाहता, जिससे मध्यप्रदेश की बदनामी हो अब उसके आगे क्या हुआ मैं नहीं जानता.
कमलनाथ ने कहा कि 3-4 पुलिस अधिकारी आए थे उन्होंने मुझे अपने लैपटॉप में दिखाया था, 1 मिनट 30 सेकेंड का वीडियो था मैंने सिर्फ 30 सेकेंड तक देखा और उनसे बोला पहले चेक करिए यह मैं देखना नहीं चाहता.
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सीडी गोविंद सिंह जी को बीजेपी वालों ने ही दी होगी
कमलनाथ ने कहा कि मैं तो सीडी पहले रखना ही नहीं चाहता था, मैंने कहा और इंक्वायरी करो मैं पेनड्राइव रखकर करता क्या? मैं ऐसी कोई चीज नहीं होनी चाहिए जिससे प्रदेश की बदनामी हो, आजकल कोई भी किसी भी प्रकार की पेनड्राइव बना लेते हैं.
कमलनाथ ने अफसरों को सुनाई खरी-खोटी, कहा- ये कमलनाथ की चक्की है, बहुत बारीक पीसेगी
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करणी सेना से सीएम और सरकार को बात करनी चाहिए
कोई भी बात हो उस पर चर्चा होनी चाहिए यह मुख्यमंत्री और सरकार को उनसे चर्चा करनी चाहिए यह समझना चाहिए कि उनका आक्रोश है, उस आक्रोश को सुनकर जो सही है उसे मानना चाहिए. यह आंदोलन बीजेपी सरकार के खिलाफ है, कांग्रेस का इससे कोई लेना-देना नहीं है. एक समाज कर रहा है. कांग्रेस उसमें क्या हस्तक्षेप कर सकती है. अगर वह हमसे चाहे बात करना, हम जरूर बात करेंगे पर अभी तक उन्होंने ऐसी कोई इच्छा व्यक्त नहीं की है.
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सरकार कांग्रेस की बनती है तो…
सबसे पहले हम उनसे बातचीत करेंगे और मैंने तो यह परंपरा बनाई थी कि सब से बातचीत करो, उनकी बात तो सुनो कई ऐसी बातें होती हैं जो गवर्नमेंट को समझ नहीं आते तो उनके साथ बैठकर के मीटिंग कर लीजिए. अधिकारी मीटिंग कर ले तब उसके बाद मुख्यमंत्री मीटिंग कर ले इतनी बड़ी संख्या में वो लोग आए और सुनना चाहिए की उनका क्या आक्रोश है.
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