क्लर्क की लाइफ स्टाइल देख हैरान रह गए लोग, फिर हुआ ऐसा खुलासा कि नौकरी पर बना संकट
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Indore News: इंदौर के कलेक्टर कार्यालय में एक करोड़ से बड़ा घोटाला हुआ है. कार्यालय में काम करने वाले सहायक ग्रेड 3 मिलाप चौहान ने गबन सरकारी राशि को अपने और अपनी पत्नी के खाते में ट्रांसफर कर दिया. सोमवार को इसका खुलासा होने पर हंगामा हो गया और बाबू को सस्पेंड कर दिया गया. कलेक्टर इलैया राजा टी ने बताया कि आरोपी तीन साल में एक करोड़ रुपये से ज्यादा का घोटाला किया है. हम जांच कर रहे हैं. इसके लिए एक टीम भी बनाई है. जल्दी ही आरोपी पर एफआईआर कराई जाएगी, फिलहाल उसे निलंबित कर दिया गया है.
बताया जा रहा है कि लेखा शाखा में सभी अधिकारियों व कर्मचारियों के वेतन जारी करने का था जिम्मा कलेक्टर ने मिलाप चौहान को दिया था, अब उन्हें तुरंत निलंबित कर दिया गया है. अब जांच के बाद मिलाप के खिलाफ एफआईआर की जाएगी.
इंदौर कलेक्टर ऑफिस में एक करोड़ का घोटाला हुआ है. कलेक्टर कार्यालय स्थित ट्रेजरी के अकाउंटेंट के द्वारा जिला प्रशासन की आंख में धूल झोंकते हुए लगभग एक करोड़ का घोटाला करने का मामला सामने आया है, जिससे समूचे जिला प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है. घोटाला होने की बात खुद कलेक्टर इलैयाराजा टी ने खुद स्वीकार की है.
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तीन साल में कर डाली करोड़ से ज्यादा की हेराफेरी
कलेक्टर इलैयाराजा ने बताया कि कलेक्टर कार्यालय स्थित ट्रेजरी के अकाउंटेंट मिलाप चौहान के द्वारा गत 3 सालों में विभिन्न प्रकार के बिलों में हेराफेरी कर उन बिल से प्राप्त होने वाली राशि को अपनी पत्नी के अकाउंट में ट्रांसफर कर एक करोड़ से अधिक का घोटाला अब तक सामने आया है. साल 2000 से लेकर 2023 तक तकरीबन एक करोड़ से अधिक का घोटाला अब तक जिला प्रशासन की पहली जांच में सामने आया है.
कलेक्टर ने तत्काल संज्ञान लेते हुए घोटालेबाज अकाउंटेंट मिलाप चौहान को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया और एडीएम राजेश राठौड़ के नेतृत्व में एक टीम गठित कर उक्त मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं. प्रथम दृष्टया मिलाप चौहान को ही दोषी माना गया है. बाकी जांच में आगे जो भी दोषी पाए जाएंगे. उनके विरुद्ध भी कार्रवाई की जाएगी.
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