कमलनाथ का शिवराज पर तंज, बोले- बच्चा कहीं होता है, ये मिठाई कहीं और बांट देते हैं…
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MP Politics: भाजपा का सम्पूर्ण ढांचा झूठ और घोषणाओं की बुनियाद पर टिका है. सौंसर में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा स्थापना के लिये कांग्रेस सरकार ने प्रस्ताव बनाया था, लेकिन लोकार्पण करने शिवराज सिंह चौहान पहुंच गए. यह इनकी आदत है बच्चा कही होता है मिठाई यह बांटते हैं. छिंदवाड़ा में पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक में यह बात पूर्व सीएम कमलनाथ ने कही. इस दौरान पार्टी नेता और कार्यकर्ताओं ने कमलनाथ को मुख्यमंत्री ओर नकुलनाथ को सांसद बनाने की शपथ ली.
छिंदवाड़ा में मंगलवार को अलग ही नजारा देखने को मिला. यहां के मोती पैलेस लॉन में कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारियों, नेता और कार्यकर्ताओं ने कमलनाथ को मुख्यमंत्री और नकुलनाथ को सांसद बनाने की शपथ ली. बैठक को संबोधित करते हुए कमलनाथ ने कहा, ‘भाजपा माहिर है मुंह चलाने और झूठ बोलने में.
कमलनाथ ने कहा कि इसका ताजा उदाहरण सौंसर का आप सभी के सामने है. सौंसर में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा की स्थापना के लिये कांग्रेस सरकार ने प्रस्ताव बनाया, राशि भी जारी की, लेकिन लोकार्पण करने शिवराज सिंह चौहान पहुंच गए. यह इनकी आदत है. बच्चा कहीं होता है, मिठाई यह बांटते हैं.’
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कमलनाथ को CM और नकुलनाथ को सांसद बनाने की शपथ
बैठक में उपस्थित प्रत्येक पदाधिकारी व कार्यकर्तागण को पूर्व विधायक जतन उइके ने शपथ दिलाई की. विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में पूर्ण निष्ठा से कमलनाथ को फिर से सीएम, नकुलनाथ को सांसद बनाने के लिए काम करेंगे. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ एवं सांसद नकुलनाथ के द्वारा दिए दिशा निर्देशों का पालन करेंगे. बैठक में उपस्थित सभी पदाधिकारियों व कार्यकर्तागण ने दोनों हाथ उठाकर संकल्प लिया कि कमलनाथ को पुन: मुख्यमंत्री और नकुलनाथ को सांसद बनाने के लिये आज से ही पूर्ण निष्ठा के साथ कार्य करेंगे.
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कमलनाथ ने अतिथि शिक्षकों के समर्थन में किया ट्वीट
मध्य प्रदेश के अतिथि शिक्षक अपनी न्यायोचित मांगों को लेकर आज प्रदर्शन कर रहे हैं. हमारे अतिथि शिक्षक शिवराज सरकार में लंबे समय से बहुत ही कम मानदेय पर सेवा देने पर मजबूर है. पर्याप्त शैक्षणिक अनुभव होने के बाद भी सरकार अतिथि शिक्षकों का भविष्य सुरक्षित करने में असफल रही है. मैं मध्य प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री से मांग करता हूं कि अतिथि शिक्षकों के साथ संवाद करके इस गतिरोध को समाप्त करें. अतिथि शिक्षकों की सभी मांगों पर गंभीरता पूर्वक विचारकर न्यायोचित फ़ैसला करें.
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