mp assembly budget session 2023: मध्यप्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को सत्ताधारी बीजेपी अजब परेशानी में पड़ गई. दरअसल सिरोंज से बीजेपी के विधायक उमाकांत शर्मा ने ही स्कूलों के निर्माण में देरी को लेकर सरकार को घेरना शुरू कर दिया. विधायक उमाकांत शर्मा ने विधानसभा में सवाल खड़े किए कि सिंरोज में सीएम राइज स्कूल बनाने के लिए डीपीआर बनाने में ही अफसरों ने लाखों रुपए खर्च कर दिए. संस्कृति विधालय का निर्माण 2013 से चल रहा है. आज वर्ष 2023 आ गई है. 10 साल में भी निर्माण पूरा नहीं हो पा रहा है.
स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि सीएम राइज स्कूल बनाने अलग से राशि देंगे. संस्कृति विद्यालय का काम भी जल्द पूरा होगा. इस पर सिंरोज के बीजेपी विधायक उमाकांत शर्मा ने मंत्री पर गलत जानकारी देने के आरोप लगाए.
उन्होंने मंत्री पर सवाल खड़े किए कि 10 साल से ऐसा कौन सा निर्माण चल रहा है, जिससे संस्कृति विद्यालय तैयार नहीं हुआ. विधायक ने आरोप लगाए कि सीएम राइज स्कूल बनाने के नाम पर डीपीआर बनाने में ही अधिकारी खेल कर रहे हैं और नौकरशाही पर लगाम नहीं लगाई जा रही है.
संसदीय कार्य मंत्री और बीजेपी विधायक एक दूसरे पर भड़के
बीजेपी विधायक के अपने ही मंत्री को घेरने की स्थिति देख संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने विधायक पर ही तंज कस दिया कि दूसरे के लल्ला को अपने पलने में खिलाने का काम विधायक कर रहे हैं. इस पर विधायक उमाकांत शर्मा भी भड़क गए तो सरकार के बचाव में कैबिनेट मंत्री गोपाल भार्गव सामने आए. बीजेपी विधायक द्वारा अपनी ही सरकार को सवालों के घेरे में खड़ा करते देख कांग्रेस विधायक सज्जन सिंह वर्मा ने बीजेपी विधायक उमाकांत शर्मा का समर्थन कर दिया और बोले कि वे सही मुद्दा उठा रहे हैं.
बीबीसी के मुद्दे पर कांग्रेस ने सरकार को घेरा
वहीं विधानसभा की कार्रवाई के शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने बीबीसी के मुद्दे पर प्रदेश सरकार को घेरा. नेत प्रतिपक्ष ने कहा कि बीबीसी के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाना गलत है. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि बिना संकल्प पत्र,कार्य मंत्रणा के इस तरह निंदा प्रस्ताव लाना नियमों के खिलाफ है. इस पर संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा सर्वसमति से प्रस्ताव लाया गया था. बीजेपी का विरोध करते करते कांग्रेस देश का विरोध करने लगती है.
स्कूलों और शिक्षकों के मुद्दे पर हुई बहस
विधानसभा में स्कूलों की बदहाली और शिक्षकों की कमी को लेकर पक्ष-विपक्ष में बहस हुई. पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक सज्जन सिंह वर्मा ने स्कूल शिक्षकों की भर्ती नहीं होने का सवाल उठाया तो स्कूल शिक्षा मंत्री ने 50 हजार से अधिक शिक्षकों की भर्ती करने की बात कही. संसदीय कार्य मंत्री ने विधायक सज्जन सिंह वर्मा से कहा कि कांग्रेस की सरकार में पेड़ के नीचे स्कूल लगते थे तो इस पर पीसीसी चीफ कमलनाथ ने कहा कि प्रदेश में स्कूलों की हालत बीजेपी सरकार में ही खराब है. जल्द ही कांग्रेस सरकार आएगी, 7 महीने जो मनमानी करनी है, कर लीजिए. इस पर संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि बनी-बनाई सरकार चला नहीं पाए और अब नई सरकार बनने के सपने देख रहे हैं.