छिंदवाड़ा: कलेक्टर की जनसुनवाई में ‘DSP सेट है’ के पोस्टर लहराए! मामला सुन अधिकारी हुए हैरान
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chhindwara news: मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा में कलेक्टर की जन सुनवाई के दौरान एक हैरान करने वाला मामला सामने आया. कलेक्ट्रेट परिसर में दो परिवार एक मकान के कब्जे को लेकर अपनी-अपनी शिकायत लेकर पहुंचे थे. लेकिन दोनों ही परिवार क्षेत्र के डीएसपी रैंक के एक अधिकारी पर एक दूसरे से सेट होने के आरोप लगा रहे थे. दोनों ही परिवार डीएसपी के खिलाफ सेट होने और भ्रष्ट होकर कब्जा कराने के आरोप लगाने वाले पोस्टर-बैनर लेकर बैठे थे. इसके साथ ही बैनरों में डीएसपी के खिलाफ कार्रवाई करने और उनसे बचाने को लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान से अपील भी की गई थी.
दरअसल छिंदवाड़ा में मंगलवार को कलेक्ट्रेट परिसर गेट पर दो बुजुर्ग महिलाओं ने धरना दिया, कलेक्टर कार्यालय के गेट पर बैठकर हाथों में पोष्टर लिये अधिकारियों से अपील की गई. महिलाओं ने अपनी समस्याओं को गेट पर बैठ आँखों मे आंसू लिए बोला कि हमारा घर टूटा पड़ा है. हमारी कोई सुनवाई नही हो रही. पोस्टर पर महिलाओ ने लिख रखा है डीएसपी सेट है अपने संरक्षण में कब्जा करवाता है. मामाजी( सीएम शिवराज सिंह चौहान) मदद करो.
महिलाओं ने अधिकारियों को बताया कि परासिया क्षेत्र में स्वयं का मकान है. जिसमें किराए से हनीफ कुरैशी रहता था. उसकी मृत्यु के बाद हनीफ का बेटा फारूक कुरैशी रहने लगा, जो मकान का किराया भी नहीं दे रहा है. जब फारूक से मकान के किराए की बात करने गए तो महिलाओं पर पत्थरों से हमला किया गया जिससे महिलाएं बुरी तरह घायल हो गयी जिसकी शिकायत परासिया थाने में दर्ज कराई गई. परंतु पुलिस अधिकारियों द्वारा महिलाओं पर केस को रफा-दफा करने एवं समझाइश का दबाव बनाया जा रहा है.
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ऐसे समझें पूरा मामला
परासिया चौकी मोहल्ला में मृतक गणेश यादव की पत्नी भंगन यादव ने बताया कि उसके परिवार के नाम तैंतीस बाई पचास का पट्टा है. उन्होंने घर के सामने दुकान बनाकर हनीफ कुरैशी को किराए पर दी थी. हनीफ कुरैशी द्वारा किराया दिया जाता था, परंतु उसकी मृत्यु के बाद हनीफ का लड़का फारूक किराया न देकर कब्जा कर रहा है. भंगन यादव का कहना है कि पूर्व में उसके मकान में चोरी हो गयी थी जिसमें मकान के कागजात गुम हो गए थे. जिनमें उसे शक है कि प्लॉट का पट्टा फारूक द्वारा चोरी कर लिया गया.
बता दें की 12 मार्च रविवार को फारूख कुरैशी और उनके परिवार के लोग विवादित स्थल पर सामान रखने चले गए थे तो गणेश यादव के परिवार के लोगों ने इसके लिए मना किया. इससे दोनों पक्षों के बीच जमकर मारपीट हुई थी. पुलिस ने दोनों पक्षों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया हुआ है. इसे ही लेकर अब दोनों परिवार की महिलाएं कलेक्टर से मामले में दखल देने की मांग कर रही हैं.
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