दिव्यांग स्वाभिमान यात्रा…पदयात्रा में शामिल दिव्यांग को वाहन ने कुचला, नेशनल हाईवे पर हुआ लहूलुहान
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Guna Swabhiman Yatra: दिव्यांगों की 16 सूत्रीय मांगों लेकर हो रही पदयात्रा के दौरान बड़ा हादसा हो गया. हादसे में स्वाभिमान यात्रा में शामिल होने वाला दिव्यांग बुरी तरह घायल हो गया. नेशनल हाईवे पर एक अज्ञात वाहन ने दिव्यांग की ट्राइसाइकिल को रौंद दिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया. इसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया.
दिव्यांग कालूराम सेन अपने निशक्त पिता से मिलने गया था. लौटते वक्त यात्रा में शामिल होने से पहले सड़क हादसे में कालूराम घायल हो गया. उसे गंभीर हालत में जिला अस्पताल के ट्रॉमा वार्ड में भर्ती कराया गया. कालूराम के सिर में गंभीर चोट भी आई, जिसकी वजह से सिर में 12 टांके आए हैं. स्वाभिमान यात्रा का प्रतिनिधित्व कर रहे सुनील यादव की भी हालत खराब है. सुनील यूरिन बैग को अपने हाथ में लेकर पदयात्रा कर रहा था.
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16 मांगों को लेकर पदयात्रा
16 सूत्रीय मांगों को लेकर पिछले 13 दिनों से दिव्यांग राघौगढ़ से लगातार पदयात्रा कर रहे हैं. इस स्वाभिमान यात्रा में 150 दिव्यांग भाग ले रहे हैं. बजट में दिव्यांगों को लेकर खास प्रावधान नहीं किए जाने से भी दिव्यांग नाराज हैं. दिव्यांगों की 16 मांगे हैं, जिनको लेकर पदयात्रा की जा रही है. इनमें पेंशन बढ़ाना, दिव्यांगों का आरक्षण बढ़ाना, पंचायतों से लेकर दोनों सदनों में 5 प्रतिशत आरक्षण करना और उच्च शिक्षा को निशुल्क करने जैसी प्रमुख मांगे शामिल हैं.
मुख्यमंत्री के ऑफर को टाल दिया
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी दिव्यांगों के दल से मुलाकात करने का ऑफर दिया था, लेकिन दिव्यांगों ने ये ऑफर टाल दिया और खुद मुख्यमंत्री को उनके समक्ष उपस्थित होने की बात पर अड़े रहे. MPTak ने दिव्यांग स्वाभिमान पदयात्रा की खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था, जिसके बाद मुख्यमंत्री ने दिव्यांगों की मांगों पर चर्चा करने की रजामंदी दी थी.
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शासकीय योजनाएं कागजों तक सीमित
इससे पहले प्रशासनिक अमला भी दिव्यांगों को मनाने के लिए पहुंचा था, लेकिन दिव्यांग स्वाभिमान यात्रा से पीछे हटने को तैयार नहीं थे. प्रशासनिक अमले ने दिव्यांगों के लिए भोजन, मोबाइल टॉयलेट्स और टेंट की व्यवस्था की है. पदयात्रा का में शामिल सुनील ने पहले सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा था कि क्या दिव्यांग एलियन (बाहरी) हैं, जो उन्हें नहीं पूछा जा रहा है. सुनील ने बताया कि दिव्यांगों को यात्री बस में बैठने की जगह नहीं दी जाती है. शासकीय योजनाएं केवल कागजों तक सीमित है.
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