'मयंक' की मौत के जिम्मेदारों पर गिरी प्रशासन की गाज, जमीन मालिक समेत इन अफसरों पर बड़ी कार्रवाई

विजय कुमार

15 Apr 2024 (अपडेटेड: Apr 15 2024 9:05 AM)

खुले बोरवेल में गिरने से 6 साल के मयंक आदिवासी की मौत के बाद हड़कंप मचा हुआ है. मयंक की मौत के जिम्मेदारों पर प्रशासन की गाज गिरी है. प्रशासन ने इसके लिए बोर मालिक सहित 5 शासकीय सेवकों को दोषी माना है.

'मयंक' की मौत के जिम्मेदारों पर गिरी प्रशासन की गाज

'मयंक' की मौत के जिम्मेदारों पर गिरी प्रशासन की गाज

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Rewa Child Fall In Borewell: रीवा जिले में मनिका गांव में खुले बोरवेल में गिरने से 6 साल के मयंक आदिवासी की मौत के बाद हड़कंप मचा हुआ है. अब मयंक की मौत के जिम्मेदारों पर प्रशासन की गाज  गिरी है. प्रशासन ने इसके लिए बोर मालिक सहित 5 शासकीय सेवकों को दोषी माना है. बोर मालिक पर FIR दर्ज की गई है, जबकि जनपद CEO, पीएचई SDO और सचिव सस्पेंड कर दिया गया है. वहीं रोजगार सहायक को बर्खास्तगी और पीसीओ को शोकेज नोटिस भेजा गया है.

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खुले बोरवेल में गिरे मासूम मयंक को बचाने के लिए 45 घंटे तक NDRF के साथ ही SDERF की टीम और स्थानीय प्रशासन पुलिस अमले ने रेस्क्यू किया. हालांकि तमाम कोशिशों के बाद मयंक की जान नहीं बच सकी. अब प्रशासन  ने इस मामले में बड़ा एक्शन लिया है. 

एक चूक ने ले ली मासूम की जान

जमीन मालिक हीरामणि मिश्र के खेत में 2 साल पहले बोरवेल कराया गया था. बोर के चारों तरफ हीरामणि ने इस जमीन में गेंहू की फसल लगा रखी थी. शुक्रवार को हार्वेस्टर से गेंहू की कटाई की जा रही थी. गेंहू की बालियां बीनने के लिए मयंक अपने भाई और दोस्तों के साथ हार्वेस्टर के पीछे चल रहा था. उस दौरान वह खुले बोरवेल में गिर गया. मयंक ने गिरते वक्त बचाने की गुहार लगाई, तब वह ज्यादा दूर नहीं था. पहले उसे निकलने के लिए स्थानीय स्तर पर प्रयास किया गया, लेकिन असफल होने पर प्रशासन को सूचना दी गई. तब तक काफी देर हो चुकी थी. इससे बेखबर रेस्क्यू टीम मयंक की जान बचाने के लिए प्रयास करती रही, पर मयंक आधे घंटे में ही जिंदगी की जंग हार चुका था.

प्रशासन का बड़ा एक्शन

प्रशासन ने इसका दोषी बोर मालिक के साथ ही पांच अफसरों को माना है. मुख्यमंत्री मोहन यादव के निर्देश पर बोर मालिक पर FIR दर्ज की गई है. हीरामणि ने 2 साल से अनुपयोगी बोरवेल को खुला छोड़ रखा था. शासन ने अनुपयोगी नलकूप, बोरवेल और ट्यूबवेल को तत्काल बंद करने के निर्देश दे रखे हैं. इसका पालन बोरवेल मालिक ने नहीं किया था. जानकारी के मुताबिक खेत मालिक हीरामणि मिश्र गांव का रसूखदार हैं और सत्ता पक्ष से जुड़ा हुआ है.
 

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