Bhopal news: प्रदेश भर में राजस्व अधिकारी संघ अपनी मांगों को मनवाने को लेकर पिछले काफी समय से प्रयासरत है. और अब ये आंदोलन के मूंड में नजर आ रहे हैं. राजस्व अधिकारी संघ का कहना है कि उनके द्वारा लगातार निवेदन पत्र प्रस्तुत किए जा रहे हैं. जिसके बावजूद भी शासन उनकी मांगों पर कोई विचार नहीं कर रहा है. जिससे वह काफी हताश और निराश हैं.
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आंदोलन की शुरुवात में 16 और 17 मार्च को प्रदेश के सभी राजस्व अधिकारी हाथ मे काली पट्टी बांधकर काम किया. वहीं 20 से 22 मार्च तक के अवकाश के लिए संबंधित कलेक्टर या एसडीएम को आवेदन पत्र दिया जाएगा. अवकाश की अवधि में सभी राजस्व अधिकारी किसी भी तरह के प्रशासनिक, कार्यपालिक, न्यायालयीन कार्य नहीं करेंगे.
काम से रहेगी छुट्टी
संगठन ने निर्णय लिया है कि छुट्टी पर जाने के कारण वे किसी भी प्रकार के काम नहीं करेंगे. प्रशासकीय, कार्यपालिक और न्यायालयीन कार्य से विरत रहेंगे. इसके साथ ही जिन जिन की बोर्ड परीक्षा में ड्यूटी लगी है. वह भी अपनी ड्यूटी नहीं करेंगे. इसके बाद 24 और 25 मार्च को सभी अधिकारी काम पर वापस लौटेंगे और गूगल मीट के जरिए आगामी कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की जाएगी.
क्या है मांग
मध्यप्रदेश राजस्व अधिकारी संघ की मानें तो वर्ष 1999 से 2008 के बीच एमपी पीएससी के जरिए नायब तहसीलदारों की भर्ती की गई थी, लेकिन उन्हें प्रमोशन नहीं मिला। यदि नियम के अनुसार प्रमोशन होता तो दो बार पदोन्नति हो जाती. प्रदेश के समस्त राजस्व अधिकारियों की बहुप्रतीक्षित मांग राजस्व अधिकारियों की पदोन्नति, नायब तहसीलदार को राजपत्रित घोषित किया जाना एवं राजस्व अधिकारियों की वेतन विसंगतियों को दूर किया जाए. इसके संबंध में प्रांतीय संघ द्वारा अनेकों निवेदन पत्र शासन के समक्ष प्रस्तुत किये गये हैं. लेकिन अभी तक इनकी कोई सुनवाई नहीं हुई है. जिसको लेकर अब यह आंदोलन की राह पर आ रहे हैं. गुरूवार को प्रदेश भर के राजस्व अधिकारियों ने काली पट्टी बांधकर काम किया और अपना शांति पूर्ण विरोध दर्ज कराया.
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