अनोखी शादी: नाव में हुई विदाई तो जमकर नाचे दूल्हा-दुल्हन, वजह जान खुश हो जाएंगे आप…

खेमराज दुबे

25 Feb 2023 (अपडेटेड: Feb 26 2023 3:52 AM)

 Sheopur news: शादियां ताे आपने बहुत देखीं होगी उनमें आपने दूल्हे-दुल्हन की एंट्री और विदाई समेत प्री वेडिंग, पोस्ट वेडिंग के कई अनोखे कार्यक्रम देखे और सुने होंगे, लेकिन इन दिनों मध्यप्रदेश के श्योपुर में भी एक दुल्हन की अनोखी विदाई सुर्खियों में है. यहां एक गांव के सरपंच के बेटे की बारात आई तो […]

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 Sheopur news: शादियां ताे आपने बहुत देखीं होगी उनमें आपने दूल्हे-दुल्हन की एंट्री और विदाई समेत प्री वेडिंग, पोस्ट वेडिंग के कई अनोखे कार्यक्रम देखे और सुने होंगे, लेकिन इन दिनों मध्यप्रदेश के श्योपुर में भी एक दुल्हन की अनोखी विदाई सुर्खियों में है. यहां एक गांव के सरपंच के बेटे की बारात आई तो लग्जरी गाड़ियों में थी, लेकिन जब विदाई का वक्त आया तो बेटी की ख्वाहिश के चलते पिता ने बारात की विदाई नाव से कर दी.

यह भी पढ़ें...

जानकारी के मुताबिक दुल्हन की इच्छा थी कि उसकी विदाई नाव पर हो. पिता ने बारातियों को अपनी बेटी की ये ख्वाहिश बताई और उनसे आग्रह किया. पहले तो बारातियों को यह बात बड़ी अजीब लगी, लेकिन बाद में वे भी मान गए,

जिला मुख्यालय से सटे सोंईकला के सरपंच हरि सिंह मीणा के बेटे आकाश का विवाह राजस्थान के पादला गांव में रहने वाले घनश्याम मीणा की बेटी किस्मत मीणा से तय हुआ था. अपनी इच्छा पूरी होती देख दुल्हन नाव में सफर के दौरान धार्मिक भजन पर थिरकने लग गई. ये बारात सवाई माधोपुर जिले के खंडार तहसील के पादड़ा गांव से विदा हुई.

नाव मे सवार हुई बारात
शुक्रवार को विदाई के समय दूल्हे के पिता को उनके समधी ने बेटी की इच्छा के बारे में बताया तो उन्होंने भी इसके लिए हामी भर दी. बस फिर क्या था 50 से अधिक बाराती गाड़ियों में सवार होकर 12 किलोमीटर दूर चंबल नदी के किनारे पहुंचे. पहले यहां उन्होंने प्राचीन चतुर्भुज नाथ मंदिर में पूजा की, फिर 3 इंजन वाली नांव की व्यवस्था की गई. इसमें सवार होकर सभी बाराती 12 किलोमीटर दूर पाली पुल पहुंचे. यहां से फिर गाड़ियों से बैठकर 18 किलोमीटर दूर सोंईकला गए. अपनी इच्छा पूरी होती देख दुल्हन नाव में सफर के दौरान धार्मिक भजन पर नांचने थिरकने लग गई. ये बारात सवाई माधोपुर जिले के खंडार तहसील के पादड़ा गांव से विदा हुई. बरातियों के लिए यह किसी शानदार टूर से कम नहीं था, इसलिए वह भी बेहद खुश नजर आए. अब नाव में आई बारात की चर्चा हर जगह हो रही हैं.

दुल्हन की ख्वाहिश हुई पूरी
श्योपुर में मीणा समाज की ही एक दुल्हन 7 साल पहले हेलीकॉप्टर से ससुराल पहुंची थी. तभी से लड़की ने सोच रखा था कि उसकी बारात भी कुछ ऐसे ही अलग तरीके से विदा होगी. वह काफी दिनों तक नए-नए आइडिया सोचती रही. और अपनी विदाई की प्लानिंग करती रही. आखिरकार उसे नावं में विदाई का आइडिया पसंद आ गया. उसने अपने मम्मी पापा को ये बात बताई, विदाई के वक्त पिता को वर्षों पहले कही गई बेटी की बात याद आ गई. और फिर लड़के पिता से इस संबंध में बात की गई तो उनहोंने भी हांमी भर दी.

ये भी पढ़ें: 2 साल की नन्ही बच्ची ने हैरत में डाला, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज हुआ नाम! जानें

 Sheopur news: शादियां ताे आपने बहुत देखीं होगी उनमें आपने दूल्हे-दुल्हन की एंट्री और विदाई समेत प्री वेडिंग, पोस्ट वेडिंग के कई अनोखे कार्यक्रम देखे और सुने होंगे, लेकिन इन दिनों मध्यप्रदेश के श्योपुर में भी एक दुल्हन की अनोखी विदाई सुर्खियों में है. यहां एक गांव के सरपंच के बेटे की बारात आई तो लग्जरी गाड़ियों में थी, लेकिन जब विदाई का वक्त आया तो बेटी की ख्वाहिश के चलते पिता ने बारात की विदाई नाव से कर दी.

जानकारी के मुताबिक दुल्हन की इच्छा थी कि उसकी विदाई नाव पर हो. पिता ने बारातियों को अपनी बेटी की ये ख्वाहिश बताई और उनसे आग्रह किया. पहले तो बारातियों को यह बात बड़ी अजीब लगी, लेकिन बाद में वे भी मान गए,

जिला मुख्यालय से सटे सोंईकला के सरपंच हरि सिंह मीणा के बेटे आकाश का विवाह राजस्थान के पादला गांव में रहने वाले घनश्याम मीणा की बेटी किस्मत मीणा से तय हुआ था. अपनी इच्छा पूरी होती देख दुल्हन नाव में सफर के दौरान धार्मिक भजन पर थिरकने लग गई. ये बारात सवाई माधोपुर जिले के खंडार तहसील के पादड़ा गांव से विदा हुई.

नाव मे सवार हुई बारात
शुक्रवार को विदाई के समय दूल्हे के पिता को उनके समधी ने बेटी की इच्छा के बारे में बताया तो उन्होंने भी इसके लिए हामी भर दी. बस फिर क्या था 50 से अधिक बाराती गाड़ियों में सवार होकर 12 किलोमीटर दूर चंबल नदी के किनारे पहुंचे. पहले यहां उन्होंने प्राचीन चतुर्भुज नाथ मंदिर में पूजा की, फिर 3 इंजन वाली नांव की व्यवस्था की गई. इसमें सवार होकर सभी बाराती 12 किलोमीटर दूर पाली पुल पहुंचे. यहां से फिर गाड़ियों से बैठकर 18 किलोमीटर दूर सोंईकला गए. अपनी इच्छा पूरी होती देख दुल्हन नाव में सफर के दौरान धार्मिक भजन पर नांचने थिरकने लग गई. ये बारात सवाई माधोपुर जिले के खंडार तहसील के पादड़ा गांव से विदा हुई. बरातियों के लिए यह किसी शानदार टूर से कम नहीं था, इसलिए वह भी बेहद खुश नजर आए. अब नाव में आई बारात की चर्चा हर जगह हो रही हैं.

दुल्हन की ख्वाहिश हुई पूरी
श्योपुर में मीणा समाज की ही एक दुल्हन 7 साल पहले हेलीकॉप्टर से ससुराल पहुंची थी. तभी से लड़की ने सोच रखा था कि उसकी बारात भी कुछ ऐसे ही अलग तरीके से विदा होगी. वह काफी दिनों तक नए-नए आइडिया सोचती रही. और अपनी विदाई की प्लानिंग करती रही. आखिरकार उसे नावं में विदाई का आइडिया पसंद आ गया. उसने अपने मम्मी पापा को ये बात बताई, विदाई के वक्त पिता को वर्षों पहले कही गई बेटी की बात याद आ गई. और फिर लड़के पिता से इस संबंध में बात की गई तो उनहोंने भी हांमी भर दी.

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 Sheopur news: शादियां ताे आपने बहुत देखीं होगी उनमें आपने दूल्हे-दुल्हन की एंट्री और विदाई समेत प्री वेडिंग, पोस्ट वेडिंग के कई अनोखे कार्यक्रम देखे और सुने होंगे, लेकिन इन दिनों मध्यप्रदेश के श्योपुर में भी एक दुल्हन की अनोखी विदाई सुर्खियों में है. यहां एक गांव के सरपंच के बेटे की बारात आई तो लग्जरी गाड़ियों में थी, लेकिन जब विदाई का वक्त आया तो बेटी की ख्वाहिश के चलते पिता ने बारात की विदाई नाव से कर दी.

जानकारी के मुताबिक दुल्हन की इच्छा थी कि उसकी विदाई नाव पर हो. पिता ने बारातियों को अपनी बेटी की ये ख्वाहिश बताई और उनसे आग्रह किया. पहले तो बारातियों को यह बात बड़ी अजीब लगी, लेकिन बाद में वे भी मान गए,

जिला मुख्यालय से सटे सोंईकला के सरपंच हरि सिंह मीणा के बेटे आकाश का विवाह राजस्थान के पादला गांव में रहने वाले घनश्याम मीणा की बेटी किस्मत मीणा से तय हुआ था. अपनी इच्छा पूरी होती देख दुल्हन नाव में सफर के दौरान धार्मिक भजन पर थिरकने लग गई. ये बारात सवाई माधोपुर जिले के खंडार तहसील के पादड़ा गांव से विदा हुई.

नाव मे सवार हुई बारात
शुक्रवार को विदाई के समय दूल्हे के पिता को उनके समधी ने बेटी की इच्छा के बारे में बताया तो उन्होंने भी इसके लिए हामी भर दी. बस फिर क्या था 50 से अधिक बाराती गाड़ियों में सवार होकर 12 किलोमीटर दूर चंबल नदी के किनारे पहुंचे. पहले यहां उन्होंने प्राचीन चतुर्भुज नाथ मंदिर में पूजा की, फिर 3 इंजन वाली नांव की व्यवस्था की गई. इसमें सवार होकर सभी बाराती 12 किलोमीटर दूर पाली पुल पहुंचे. यहां से फिर गाड़ियों से बैठकर 18 किलोमीटर दूर सोंईकला गए. अपनी इच्छा पूरी होती देख दुल्हन नाव में सफर के दौरान धार्मिक भजन पर नांचने थिरकने लग गई. ये बारात सवाई माधोपुर जिले के खंडार तहसील के पादड़ा गांव से विदा हुई. बरातियों के लिए यह किसी शानदार टूर से कम नहीं था, इसलिए वह भी बेहद खुश नजर आए. अब नाव में आई बारात की चर्चा हर जगह हो रही हैं.

दुल्हन की ख्वाहिश हुई पूरी
श्योपुर में मीणा समाज की ही एक दुल्हन 7 साल पहले हेलीकॉप्टर से ससुराल पहुंची थी. तभी से लड़की ने सोच रखा था कि उसकी बारात भी कुछ ऐसे ही अलग तरीके से विदा होगी. वह काफी दिनों तक नए-नए आइडिया सोचती रही. और अपनी विदाई की प्लानिंग करती रही. आखिरकार उसे नावं में विदाई का आइडिया पसंद आ गया. उसने अपने मम्मी पापा को ये बात बताई, विदाई के वक्त पिता को वर्षों पहले कही गई बेटी की बात याद आ गई. और फिर लड़के पिता से इस संबंध में बात की गई तो उनहोंने भी हांमी भर दी.

ये भी पढ़ें: 2 साल की नन्ही बच्ची ने हैरत में डाला, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज हुआ नाम! जानें

 Sheopur news: शादियां ताे आपने बहुत देखीं होगी उनमें आपने दूल्हे-दुल्हन की एंट्री और विदाई समेत प्री वेडिंग, पोस्ट वेडिंग के कई अनोखे कार्यक्रम देखे और सुने होंगे, लेकिन इन दिनों मध्यप्रदेश के श्योपुर में भी एक दुल्हन की अनोखी विदाई सुर्खियों में है. यहां एक गांव के सरपंच के बेटे की बारात आई तो लग्जरी गाड़ियों में थी, लेकिन जब विदाई का वक्त आया तो बेटी की ख्वाहिश के चलते पिता ने बारात की विदाई नाव से कर दी.

जानकारी के मुताबिक दुल्हन की इच्छा थी कि उसकी विदाई नाव पर हो. पिता ने बारातियों को अपनी बेटी की ये ख्वाहिश बताई और उनसे आग्रह किया. पहले तो बारातियों को यह बात बड़ी अजीब लगी, लेकिन बाद में वे भी मान गए,

जिला मुख्यालय से सटे सोंईकला के सरपंच हरि सिंह मीणा के बेटे आकाश का विवाह राजस्थान के पादला गांव में रहने वाले घनश्याम मीणा की बेटी किस्मत मीणा से तय हुआ था. अपनी इच्छा पूरी होती देख दुल्हन नाव में सफर के दौरान धार्मिक भजन पर थिरकने लग गई. ये बारात सवाई माधोपुर जिले के खंडार तहसील के पादड़ा गांव से विदा हुई.

नाव मे सवार हुई बारात
शुक्रवार को विदाई के समय दूल्हे के पिता को उनके समधी ने बेटी की इच्छा के बारे में बताया तो उन्होंने भी इसके लिए हामी भर दी. बस फिर क्या था 50 से अधिक बाराती गाड़ियों में सवार होकर 12 किलोमीटर दूर चंबल नदी के किनारे पहुंचे. पहले यहां उन्होंने प्राचीन चतुर्भुज नाथ मंदिर में पूजा की, फिर 3 इंजन वाली नांव की व्यवस्था की गई. इसमें सवार होकर सभी बाराती 12 किलोमीटर दूर पाली पुल पहुंचे. यहां से फिर गाड़ियों से बैठकर 18 किलोमीटर दूर सोंईकला गए. अपनी इच्छा पूरी होती देख दुल्हन नाव में सफर के दौरान धार्मिक भजन पर नांचने थिरकने लग गई. ये बारात सवाई माधोपुर जिले के खंडार तहसील के पादड़ा गांव से विदा हुई. बरातियों के लिए यह किसी शानदार टूर से कम नहीं था, इसलिए वह भी बेहद खुश नजर आए. अब नाव में आई बारात की चर्चा हर जगह हो रही हैं.

दुल्हन की ख्वाहिश हुई पूरी
श्योपुर में मीणा समाज की ही एक दुल्हन 7 साल पहले हेलीकॉप्टर से ससुराल पहुंची थी. तभी से लड़की ने सोच रखा था कि उसकी बारात भी कुछ ऐसे ही अलग तरीके से विदा होगी. वह काफी दिनों तक नए-नए आइडिया सोचती रही. और अपनी विदाई की प्लानिंग करती रही. आखिरकार उसे नावं में विदाई का आइडिया पसंद आ गया. उसने अपने मम्मी पापा को ये बात बताई, विदाई के वक्त पिता को वर्षों पहले कही गई बेटी की बात याद आ गई. और फिर लड़के पिता से इस संबंध में बात की गई तो उनहोंने भी हांमी भर दी.

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