टीकमगढ़ की मोहसिना बानो UP PSC में 7वीं रैंक लाकर बनी डिप्टी कलेक्टर, तकलीफों से लड़कर पाया मुकाम

सुधीर जैन

• 04:08 PM • 10 Apr 2023

Tikamgarh News: मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ जिले की रहने वाली मोहसिना बानो ने यूपी पीएससी में 7वीं रैंक हासिल की है और डिप्टी कलेक्टर बनने में सफलता पाई. लेकिन कहानी यह नहीं है कि वह डिप्टी कलेक्टर बनी, असल कहानी तो यह है कि उसने इस मुकाम तक पहुंचने के लिए जो संघर्ष किया है, वह […]

Tikamgarh News Mohsina Banu UP PSC mp news

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Tikamgarh News: मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ जिले की रहने वाली मोहसिना बानो ने यूपी पीएससी में 7वीं रैंक हासिल की है और डिप्टी कलेक्टर बनने में सफलता पाई. लेकिन कहानी यह नहीं है कि वह डिप्टी कलेक्टर बनी, असल कहानी तो यह है कि उसने इस मुकाम तक पहुंचने के लिए जो संघर्ष किया है, वह आपको भावुक कर देगा. टीकमगढ़ जिले के पुराने बस स्टैंड पर एक छोटी सी पान, बिस्किट, नमकीन की दुकान चलाने वाले हाजी इकराम खान की बेटी है मोहसिना बानो. पान-सुपारी की दुकान चलाने वाले पिता ने आर्थिक मजबूरियों के बावजूद मोहसिना बानो को पढ़ाया और मोहसिना बानो ने कई तकलीफों को सहा, लेकिन मंजिल तक पहुंचने की जिद ने उसे आखिरकार डिप्टी कलेक्टर बना ही दिया.

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आपको बता दें कि हाजी इकराम की तीन बेटी और एक बेटा है. जिसमें दो बेटियां जो बड़ी हैं उनकी शादी हो चुकी है. मोहसिना बानों सबसे छोटी बेटी है. वर्ष 2021 में मोहसिना बानो का चयन तहसीलदार के पद पर भी हुआ था. लेकिन मोहसिना का लक्ष्य बड़ा था तो उसने पढ़ाई जारी रखी और अब यूपी पीएससी में 7वीं रैंक लाकर डिप्टी कलेक्टर बनने में सफलता पाई.

परिजन बताते हैं कि मोहसिना बानो शुरू से पढ़ने में आगे रही है. उसने दसवीं की कक्षा में 95% अंक प्राप्त कर परिवार का नाम जिले में रोशन किया था और इस बार यूपी पीएससी में सातवीं रैंक ले आई. मोहसिना ने पूरे मध्यप्रदेश का नाम रोशन किया है. मोहसिना बानो की खबर जैसे ही शहर के लोगों को मिली, उनके पिता को जानने वाले लोग बधाई देने उनकी पान की गुमटी पर ही पहुंच गए.

पिता बोले, 28 साल की तपस्या सफल हो गई
मोहसिना के पिता हाजी इकराम खान ने बताया कि मैं 28 साल से पान की दुकान खोले हुए हूं. अपनी सभी बेटियों को स्कूल में पढ़ाया. घर चलाने और बेटियों को पढ़ाने का पूरा खर्च इसी पान की गुमटी से निकाला. कई बार आर्थिक परेशानियां आईं लेकिन बेटियों की पढ़ाई बंद नहीं कराई. मोहसिना बानो के डिप्टी कलेक्टर बन जाने से मेरी 28 साल की तपस्या सफल हो गई है. मोहसिना बानो मेरे लिए बेटे से कम नहीं है. मुझे और मेरे पूरे परिवार को मोहसिना पर गर्व है. हाजी इकराम ने बताया कि उन्होंने आर्थिक परेशानियों को झेलने के बाद भी मोहसिना बानो को कोचिंग के लिए दिल्ली भेजा. मोहसिना के चयन ने उसकी और परिवार की मेहनत को सफल कर दिया.

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