Lok Sabha Election 2024: विंध्य में भाजपा-कांग्रेस की लड़ाई रोचक हो गई है. लंबे अरसे बाद रीवा (Rewa) में कांग्रेस ने महिला नेत्री को टिकट दिया है, जिससे मुकाबला दिलचस्प हो गया है. कांग्रेस ने पूर्व विधायक नीलम मिश्रा को मैदान में उतारा है, नीलम मिश्रा का राजनीतिक करियर काफी दिलचस्प है, जबकि भाजपा ने सांसद जनार्दन मिश्र पर एक बार फिर भरोसा जताते हुए तीसरी बार टिकट दिया है.
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भाजपा जिस सीट को एकतरफा मान कर चल रही थी, उस सीट पर कांग्रेस ने मुकाबले को रोचक बना दिया है. कांग्रेस ने नीलम मिश्रा को टिकट देकर नारी शक्ति पर भरोसा जताया है. नीलम मिश्रा और जनार्दन मिश्र के बीच वर्षों से नोक-झोक रही है.
नीलम मिश्रा ने की थी बीजेपी से बगावत
रीवा जिले परिसीमन में बनी नई विधानसभा सेमरिया से पहले विधायक अभय मिश्र चुने गए थे, जबकि दूसरी बार 2013 में अभय मिश्र की पत्नी नीलम मिश्रा चुनी गई थी. उस समय जनार्दन मिश्र भाजपा के जिलाध्यक्ष थे. ये दोनों भाजपा में ही थे, लेकिन भाजपा ने 2018 विधानसभा चुनाव में नीलम और अभय दोनों का टिकट काट दिया था. इसके बाद बगावत कर नीलम और अभय कांग्रेस में आ गए.
2023 के विधानसभा चुनाव के कुछ महीने पहले नीलम मिश्रा और अभय मिश्रा वापस भाजपा में शामिल हो गए थे, लेकिन जब टिकट नहीं मिला तो एक महीने बाद फिर भाजपा छोड़ दी और कांग्रेस में शामिल हो गए. इसके बाद कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़कर अभय मिश्रा विधायक बने.
उपमुख्यमंत्री पर बोला हमला
कांग्रेस से टिकट मिलने के बाद नीलम मिश्रा ने कहा कि अपने जिले के लिए मुझसे जो भी बनेगा मैं पूरे प्रयास करूंगी.
खासतौर से रोजगार मुद्दा है. उन्होंने उपमुख्यमंत्री शुक्ला पर हमला करते हुए कहा, "माननीय राजेंद्र शुक्ला मंत्री रहे, पहले भी उद्योग मंत्री रहे चाहते तो उद्योग खुलवा देते. अपने यहां के युवा बेरोजगार घूम रहे हैं उनको रोजगार दिलवा देते. "
बीजेपी पर हमला
नीलम मिश्रा ने कहा कि राम मंदिर मुद्दा नहीं है, इसे तो बीजेपी वाले मुद्दा बना रहे हैं ये ठीक नहीं है. उन्होंने कहा, "भाजपा बताती कुछ है और करती कुछ है. कुछ भी विकास नहीं हुआ है. गरीब परेशान है. प्रधानमंत्री आवास का ही देख लीजिए, किसी को पूरी किश्त नहीं मिली है. लोग अपनी जेब से पैसे लगाकर घर बनवा रहे हैं."
भाजपा राम मंदिर के मुद्दे पर चुनाव लड़ रही है, जबकि नीलम क्षेत्र की समस्याओं को अपना मुद्दा बता रही हैं. भाजपा प्रत्याशी जनार्दन मिश्र 2014 से लगातार सांसद चुने गए हैं. भाजपा ने फिर तीसरी बार फिर जनार्दन पर ही भरोसा जताया है.
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