Kamalnath News: कमलनाथ का गढ़ कहा जाने वाला 'छिंदवाड़ा' कांग्रेस के हाथ से फिसलता हुआ नजर आ रहा है. दरअसल, छिंदवाड़ा से कई कांग्रेस नेताओं ने बीजेपी जॉइन कर ली है, और ये सिलसिला अभी भी जारी है. कमलनाथ के बेहद करीबी कहे जाने वाले विक्रम अहांके ने भी कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया है. यही वजह है कि अब कमलनाथ को अपने गढ़ की चिंता सताने लगी है. उन्होंने इसे लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए भाजपा पर निशाना साधा है. कमलनाथ ने बीजेपी पर कांग्रेसियों के डराने-धमकाने और सौदेबाजी जैसे आरोप लगाए हैं.
ADVERTISEMENT
छिंदवाड़ा मेरे लिए कर्मभूमि और तपोभूमि है. भाजपा वाले इस पवित्र भूमि को रणभूमि बनाना चाहते हैं. इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी धनबल, बाहुबल और सत्ता बल का दुरुपयोग करने में लगी है. नेताओं को डराया धमकाया जा रहा है.
भाजपा सौदेबाजी का खेल खेलती है- कमलनाथ
कांग्रेस नेताओं के बीजेपी में शामिल होने को लेकर बीजेपी पर हमला करते हुए कमलनाथ ने लिखा, "छिंदवाड़ा की जनता भाजपा की इस कारस्तानी को बड़े गौर से देख रही है और उसने ठान लिया है कि जो लोग छिंदवाड़ा के ऊपर आक्रमण कर रहे हैं, उनको करारा जवाब देगी. हर चुनाव के पहले भारतीय जनता पार्टी झूठ, फरेब और सौदेबाजी का खेल खेलती है, लेकिन जब चुनाव परिणाम आता है तो पता चलता है कि छिंदवाड़ा की जनता ने भाजपा को उसके अपराध का उचित दंड दिया है. छिंदवाड़ा अपने सम्मान से कोई गुस्ताखी बर्दाश्त नहीं करेगा और अपनी विकास यात्रा पर अविरल आगे बढ़ता रहेगा."
कांग्रेस में टूट का सिलसिला
कमलनाथ के करीबी रहे सैयद जफर ने जिस दिन से कांग्रेस पार्टी और कमलनाथ परिवार का साथ छोड़ा है, उसी दिन से कांग्रेस में टूट का सिलसिला तेज हो चला है. फिर चाहे दीपक सक्सेना के बेटे का बीजेपी में जाना हो या फिर प्रदेश बीजेपी के सभी दिग्गज नेताओं का पूर्व मंत्री दीपक सक्सेना के घर पर जाना हो इस सबके पीछे सैयद जफर को ही माना जा रहा है. आपको बता दें पिछले दिनों दीपक सक्सेना भी कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा दे चुके हैं, सूत्रों की माने तो वे भी जल्द भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम सकते हैं.
ADVERTISEMENT