MP POLITICAL NEWS: मध्यप्रदेश में सीएम शिवराज सिंह चौहान और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बीच हर दिन जुबानी जंग होती है. शनिवार को सीएम शिवराज सिंह चौहान ने फिल्मी अंदाज में कमलनाथ पर आरोप लगाए तो कमलनाथ ने भी उसी अंदाज में सीएम शिवराज सिंह चौहान को जवाब दिया. पहले भोपाल में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कमलनाथ तो उद्योगपति हैं. उनके पास दौलत हैं, बंगला है और हैलीकॉप्टर है. यही वजह है कि वह कांग्रेस के लीडर हैं और मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हैं. इस पर कमलनाथ ने भी आक्रोशित होकर जवाब दिया कि सीएम शिवराज झूठे हैं और झूठ बोले बिना और कमलनाथ को गाली दिए बिना उनका खाना हजम नहीं होता है.
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पहले सीएम शिवराज ने कहा कि कमलनाथ के पास धन-दौलत के अकूत भंडार हैं. यदि कांग्रेस अपने नेताओं का पैमाना इस बात से तय करती है कि जिनके पास धन-दौलत के भंडार हों, उनको ही वे अपना लीडर तय करते हैं तो इस तरह की सोच कांग्रेस को मुबारक हो. बीजेपी में नेता या लीडर होने का पैमाना सिर्फ एक है और वह जनता का साथ और मेरे साथ मध्यप्रदेश की जनता है.
सीएम शिवराज के इन आरोपों पर कमलनाथ भड़क गए और उसके बाद उन्होंने आक्रोशित होकर सीएम शिवराज से कहा कि वे साबित करें कि वे कैसे उद्योगपति हैं या कौन सी इंडस्ट्री उनके नाम पर है. कमलनाथ ने कहा कि सीएम शिवराज को तो मेरे बारे में अनाप-शनाप बयानबाजी करने की आदत हो गई है और ऐसा नहीं करने पर उनका खाना हजम नहीं होता है. कमलनाथ ने कहा कि मेरा कोई उद्योग नहीं, मेरी कोई कंपनी भी नहीं है.
कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा कांग्रेस की सरकार में लागू होगी ओल्ड पेंशन स्कीम
कमलनाथ ने बाद में कुछ ट्वीट भी किए और सीएम शिवराज की सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि ‘नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम (NMOPS) कल 16 अप्रैल 2023 को मध्य प्रदेश में जिला मुख्यालयों पर संवैधानिक रैली का आयोजन कर रहा है. मैं इस आंदोलन का पूरी तरह समर्थन करता हूं और यह घोषणा दोहराता हूं कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही ओल्ड पेंशन स्कीम लागू की जाएगी’. वहीं किसानों को लेकर कमलनाथ ने ट्वीट किया कि ‘प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं और चने की खरीद शुरू होने के बावजूद बहुत से क्षेत्रों से किसानों की शिकायत सामने आ रही है कि उन्हें फसल मूल्य का भुगतान नहीं किया जा रहा है. यह राशि अब तक उनके बैंक खातों में नहीं आई है. मैं मुख्यमंत्री से आग्रह करता हूं कि मध्य प्रदेश जैसे कृषि प्रधान राज्य में बड़ी आबादी किसानों की है. सरकार शीघ्र से शीघ्र फसल का मूल्य किसानों के बैंक खाते में डाले’.
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