आम आदमी पार्टी ने सिंगरौली की महापौर रानी अग्रवाल को बनाया प्रदेश अध्यक्ष, जानें कौन हैं रानी?

रवीशपाल सिंह

23 Mar 2023 (अपडेटेड: Mar 23 2023 3:58 PM)

MP AAP: आम आदमी पार्टी ने मध्य प्रदेश में अध्यक्ष की नियुक्ति कर दी है. सिंगरौली महापौर रानी अग्रवाल को AAP MP का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. बता दें कि पंकज सिंह को हटाने के बाद से अध्यक्ष पद खाली पड़ा था. 2018 में विधानसभा चुनाव के दौरान रानी अग्रवाल ने बीजेपी से […]

AAP Party, MP News, MP President

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MP AAP: आम आदमी पार्टी ने मध्य प्रदेश में अध्यक्ष की नियुक्ति कर दी है. सिंगरौली महापौर रानी अग्रवाल को AAP MP का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. बता दें कि पंकज सिंह को हटाने के बाद से अध्यक्ष पद खाली पड़ा था. 2018 में विधानसभा चुनाव के दौरान रानी अग्रवाल ने बीजेपी से इस्तीफा देकर आम आदमी पार्टी में शामिल हो गईं. उसके बाद 2018 में आप के चुनाव चिन्ह पर सिंगरौली विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन बीजेपी और कांग्रेस को कड़ी टक्कर देने के बावजूद वो कुछ वोटों से चुनाव हार गईं.

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चुनावों में हार के बाद भी रानी अग्रवाल अपने क्षेत्र में लगातार सक्रिय रहीं और पिछले साल सिंगरौली नगर निगम की मेयर बनी. बीते दिनों जब आप पार्टी का भोपाल में कार्यकर्ता सम्मेलन हुआ था तो उसमें आए पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रानी अग्रवाल की तारीफ की थी, वह एक तरह से संकेत था.

फोटो- एमपी तक

2018 में आप के टिकट पर लड़ चुकी हैं चुनाव
रानी अग्रवाल 2018 में AAP की टिकट पर विधानसभा चुनाव भी लड़ चुकी हैं और उस समय वो काफी कम वोटों के अंतर से हार गई थीं. रानी अग्रवाल मूल रूप से हरियाणा की रहने वाली हैं. उनका लकड़ी का बड़ा कारोबार है, लेकिन काफी समय से समाज सेवा और राजनीति से जुड़ी रही हैं. उनका सियासी सफर सरपंच से शुरू हुआ था, जो जिला पंचायत सदस्य के रास्ते सिंगरौली मेयर की सीट तक पहुंच चुका है. रानी अग्रवाल के ससुर रामनिवास अग्रवाल भी सिंगरौली जिला के देवसर जनपद पंचायत के अध्यक्ष चुके हैं.

रानी अग्रवाल भारतीय जनता पार्टी से जुड़ी रही हैं. उन्होंने 2014 में बरगवां क्षेत्र से जिला पंचायत सदस्य के रूप में अपनी किस्मत आजमाई थी और चुनाव भी भारी मतों के अंतर से जीत लिया था, लेकिन जिला पंचायत के अध्यक्ष पद के चुनाव में किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया. दोनों प्रत्याशियों को बराबर वोट मिलने के बाद टाई में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.

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