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Big Controversy: क्या है महाकाल लोक का गुजरात कनेक्शन? दिग्विजय सिंह ने खोला राज, BJP का पलटवार

इज़हार हसन खान

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MP Politics: उज्जैन में दो दिन पहले आई आंधी ने महाकाल लोक में हुए घटिया निर्माण की पोल खोल दी. सप्तऋषियों की 7 मूर्तियों में से 6 खंडित होकर गिर गईं. उसके बाद से ही कांग्रेस ने इसे भ्रष्टाचार का बड़ा मुद्दा बना लिया है. अब पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने महाकाल लोक के निर्माण को लेकर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है. दिग्विजय सिंह का कहना है कि महाकाल लोक के निर्माण का ठेका गुजरात की कंपनी को दिया गया. आखिर गुजरात की कंपनी को ही क्यों?.

दिग्विजय सिंह ने मांग की है कि गुजरात की कंपनी के मालिक को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर जेल भेजा जाए. इसके साथ ही गुजरात की कंपनी को ठेका मंजूर करने वाले अफसरों को भी जेल भेजा जाए. दिग्विजय सिंह खुलासा करते हुए बताते हैं कि सप्तऋषियों की हर मूर्ति पर सरकार ने 45-45 लाख रुपए खर्च किए थे. इतनी महंगी मूर्तियां मात्र एक आंधी में टूटकर गिर गईं. जाहिर है कि महाकाल लोक का पूरा निर्माण ही भ्रष्टाचार की आड़ में हुआ है.

इस मामले में पूर्व मंत्री और देवास के सोनकच्छ से विधायक सज्जन सिंह वर्मा ने भी बीजेपी सरकार को घेरा है.सज्जन सिंह वर्मा ने नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह को चैलेंज देते हुए कहा कि उनके पास महाकाल लोक के निर्माण में हुए भ्रष्टाचार के सबूत मौजूद हैं.

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सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि जब भाजपा ने 97 करोड़ का टेंडर निकाला था तब खेल हुआ था. टेंडर में 10% की राशि को बढ़ाया जा सकता था. लेकिन भूपेंद्र सिंह ने टेंडर की राशि में 100% की बढ़ोतरी कर दी, जबकि प्रावधान केवल 10% का है..
निर्माण करने वाली तीनों कंपनी गुजरात की है. जल्दबाजी में कारण शिवराज जी ने घटिया मूर्तियों का निर्माण करवाया. मूर्ति निर्माण में चीन की नेट का उपयोग किया गया. घटिया स्टील का उपयोग किया गया.

कांग्रेस नेताओं के आरोपों पर मंत्री भूपेंद्र सिंह ने भी दिया जवाब
मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि कांग्रेस ने तो उज्जैन में कुछ किया नहीं. सिंहस्थ के लिए सरकार ने 5000 करोड़ की लागत से निर्माण कार्य किये थे. सिंहस्थ के दौरान सरकार के द्वारा की गई व्यवस्थाओं की तारीफ जनता ने भी की और साधु संतों ने भी की थी. दिग्विजय सिंह बताए उन्होंने उज्जैन के लिए क्या किया. दिग्विजय सिंह धर्म के नाम पर राजनीति करते है. ये लोग हिन्दू धर्म का अपमान करने का काम रहे हैं.

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पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा के आरोपों पर कहा कि जब इनकी सरकार थी तब इन्होंने हमारे महाकाल लोक के प्रस्ताव की तारीफ की थी. अगर कांग्रेस के पास फैक्ट है, तो ये एफिडेविट के साथ दें, सरकार जांच कराने के लिए तैयार है. अगर मूर्ति निर्माण में कमियां थी तो कांग्रेस ने टेक्निकल अनुमति क्यों दी. प्रस्ताव तो इनकी सरकार के समय ही आ गया था. सिपेट ने निर्माण सामग्री की जांच कर ली है, उसे कोई खामियां नहीं मिली. महाकाल लोक में सप्तऋषियों की नई मूर्तियां ही लगाई जायेगी, खंडित मूर्तियां नहीं लगाई जायेगी.

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