मुरैना: 16 मोबाइल और 64 सिम बदलकर 3 साल तक फरारी काटी गैंगस्टर ने, फिर ऐसे आया पकड़ में
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Morena Crime News: ग्वालियर-चंबल संभाग का चर्चित गैंगस्टर आशु तोमर आखिरकार पुलिस की पकड़ में आ ही गया. गैंगस्टर आशु तोमर 3 साल पहले एक अन्य गैंगस्टर पंकज सिकरवार की हत्या के बाद से ही फरार चल रहा था. गैंगवार में पंकज सिकरवार की हत्या हुई थी, जिसमें प्रमुख आरोपियों में आशु तोमर भी शामिल था. पुलिस ने उस पर 60 हजार रुपए का ईनाम रखा था. लेकिन वह पुलिस की पकड़ से दूर बना हुआ था. उसने बड़ी ही चालाकी से लगातार 3 साल तक 16 मोबाइल और 64 सिम बदले, जिससे पुलिस उसको मोबाइल लोकेशन के आधार पर ट्रैस न कर सके. पुलिस को चकमा देने के लिए भी गैंगस्टर अमूमन चलती ट्रेन में मोबाइल छोड़ देता था, जिससे पुलिस लोकेशन को लेकर हर बार गुमराह हो जाती थी.
लेकिन इतनी चालाकी बरतने के बाद भी आखिरकार गैंगस्टर आशु तोमर को पुलिस ने मुरैना के अंबाह से गिरफ्तार कर लिया. 3 साल से आशु तोमर पुलिस को चुनौती दिए हुए था. आशु तोमर ने पिछले 3 साल में देश के कई राज्य और शहरों में रहते हुए फरारी काटी. पुलिस ने बताया कि आशु तोमर चलती ट्रेन में अपना मोबाइल छोड़ देता था. आशु तोमर जब भी एक शहर से दूसरे शहर जाता था तो अपनी पुरानी सिम को तोड़ दिया करता था.
ग्वालियर और चंबल पुलिस ने आशु तोमर पर ₹60000 का इनाम भी घोषित कर रखा था. कुछ महीने पहले आशु तोमर ने अंबाह इलाके के सर्राफा व्यवसाई संतोष वर्मा से 5 लाख रुपए का टेरर टैक्स मांगा था. यह टेरर टैक्स चिट्ठी के माध्यम से मांगा गया था. जब संतोष वर्मा ने टेरर टैक्स नहीं दिया तो संतोष वर्मा की दुकान पर आशु तोमर ने फायरिंग भी की थी.
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तकनीक काम नहीं आई तो पुलिस ने मुखबिर तंत्र मजबूत किया
पुलिस ने देखा कि गैंगस्टर आशु तोमर तकनीक के मामले में पुलिस से एक कदम आगे ही चल रहा है तो चंबल पुलिस ने परंपरागत तरीके को ही अपनाना बेहतर समझा. पुलिस ने अपना मुखबिर तंत्र मजबूत किया और मुरैना में गैंगस्टर आशु तोमर के लिए जाल बुनना शुरू कर दिया. बीते रोज पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली की आशु तोमर अंबाह से आगरा भागने की फिराक में है. पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर से आशु तोमर और उसके दो साथियों को अम्बाह से गिरफ्तार कर ही लिया.
एसपी बोले, पढ़ा-लिखा है गैंगस्टर
आशु तोमर और उसके 2 साथियों के कब्जे से पुलिस ने 2 पिस्टल भी बरामद की है. मुरैना एसपी आशुतोष बागरी ने जानकारी देते हुए बताया कि आशु तोमर काफी पढ़ा लिखा है. इसलिए वह पुलिस से बचने के लिए अब तक कई प्रयास कर चुका है. पंकज सिकरवार हत्याकांड के बाद से पुलिस को इसकी सरगर्मी से तलाश थी, लेकिन अंबाह में सर्राफा व्यवसाई की दुकान पर फायरिंग करने के बाद आशु तोमर पुलिस की हिट लिस्ट में आ गया था. आशु तोमर के पकड़े जाने के बाद पुलिस ने राहत की सांस ली है.
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