mptak
Search Icon

MP Lok Sabha Election phase 2: दूसरे चरण में कम वोटिंग BJP लिए खतरे की घंटी? कॉन्फिडेंस में क्यों आ गए कमलनाथ

एमपी तक

ADVERTISEMENT

MP Lok Sabha Election 2024 phase 2 Voting
MP Lok Sabha Election 2024 phase 2 Voting
social share
google news

MP Lok Sabha Election 2024 phase 2 Voting: लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में मध्यप्रदेश में 6 लोकसभा सीटों पर वोटिंग हुई. आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक शाम 6 बजे तक प्रदेश में सिर्फ 58.35% मतदान हुआ है.  ये आंकड़ा पहले फेज से कम है. सबसे अधिक मतदान होशंगाबाद सीट पर हुआ, वहीं सबसे कम वोटिंग रीवा लोकसभा सीट पर हुई है. कम वोटिंग के बाद पूर्व सीएम कमलनाथ कॉन्फीडेंस में आ गए हैं. 

फाइनल मतदान प्रतिशत फिलहाल सामने नहीं आया है, लेकिन निर्वाचन आयोग ने जो शाम 6 बजे तक के जो आंकड़े जारी किए हैं, उसके मुताबिक तो इस बार इन 6 सीटों पर कुल 9.25 प्रतिशत मतदान हुआ है.

ये भी पढ़ें: इस कांग्रेस प्रत्याशी ने वोटिंग के दौरान ही कर दिया बड़ा ऐलान, इतने कॉन्फिडेंस में कैसे हैं होशंगाबाद के ये उम्मीदवार

कहां कितना मतदान हुआ?

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने बताया कि शाम 6 बजे तक मध्यप्रदेश की टीकमगढ़, दमोह, खजुराहो, सतना, रीवा और होशंगाबाद की सीटों पर कुल 58.35% ही मतदान हुआ है. टीकमगढ़ में 59.79 प्रतिशत, दमोह में 56.18 प्रतिशत, खजुराहो में 56.44, सतना में 61.87 प्रतिशत, रीवा में सबसे कम 48.67 प्रतिशत और होशंगाबाद में सबसे अधिक 67.16 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया है. 

ADVERTISEMENT

यह भी पढ़ें...

कम वोटिंग से किसे होगा फायदा?

कुछ राजनीतिक जानकारों का मानना है कि कम वोटिंग से कांग्रेस को कुछ सीट पर लाभ होता दिख रहा है. रीवा में सबसे कम वोटिंग हुई है. यहां भाजपा के जनार्दन मिश्रा और कांग्रेस की नीलम मिश्रा के बीच मुकाबला है. वहीं होशंगाबाद सीट पर भाजपा के दर्शन सिंह चौधरी और कांग्रेस के संजय शर्मा के बीच मुकाबला है. दोनों ही जगहों पर भाजपा के ही सिटिंग MLA हैं. वोंटग प्रतिशत घटना, रूलिंग पार्टी के लिए नेगेटिव इशारा है, ऐसे में कम वोटिंग बीजेपी के लिए टेंशन का संकेत हो  सकती है. 

ये भी पढ़ें:  Khajuraho Lok Sabha seat: वीडी शर्मा ने INDIA अलायंस के प्रत्याशी को बताया 'उल्लू', दिग्विजय पर क्यों कर दी कार्रवाई की मांग?

ADVERTISEMENT

कुछ राजनीतिक जानकारों का यह भी मानना है कि कम वोटिंग प्रतिशत का अर्थ सिर्फ रूलिंग पार्टी के प्रति उदासीन रवैया नहीं होता है, बल्कि विपक्षी दल से भी कोई बहुत उम्मीद न होना भी होता है. जाहिर है कि कम मतदान प्रतिशत से कांग्रेस या बीजेपी दोनों में से किसे फायदा होगा, उसके लिए 4 जून को आने वाले परिणाम तक इंतजार करना होगा.

कम वोटिंग से कॉन्फिडेंस में आए कमलनाथ?

वोटिंग प्रतिशत में आई कमी को लेकर कमलनाथ भी कॉन्फीडेंस में आ गए हैं. उन्होंने इसे लेकर सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट कर लिखा, लोकसभा चुनाव के पहले और दूसरे चरण के मतदान के बाद स्पष्ट हो गया है कि देश की जनता ने नफरत की राजनीति को नकार दिया है. मध्यप्रदेश की 6 सीटों समेत पूरे देश की 88 सीटों पर कांग्रेस बेहद मज़बूत स्थिति में है. जनता ने कांग्रेस के पांच न्याय का समर्थन कर देश में परिवर्तन के लिए मतदान किया है."

ADVERTISEMENT

ये भी पढ़ें: MP Lok Sabha Election phase 2 voting: शाम 6 बजे तक हुआ सिर्फ 58.35% मतदान, बीजेपी या कांग्रेस किसे मिलेगा कम वोटिंग का फायदा
 

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT