MP लोकसभा चुनाव में कौन-किस पर भारी! ताजा सर्वे से बीजेपी हैरान, क्या कांग्रेस का पत्ता होगा साफ?
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MP Lok Sabha Election 2024: मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव की तस्वीर साफ हो गई है. कांग्रेस ने आज बची हुई 3 सीटों पर प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर दिया है. तो वहीं समझौते के तहत खजुराहों सीट सपा के खाते में गई थी, लेकिन यहां सपा प्रत्याशी मीरा यादव का नामांकन निरस्त कर हो गया है, फिलहाल उन्हें कोर्ट से बची-खुची उम्मीद है. एक तरफ बीजेपी और दूसरी तरफ कांग्रेस मध्य प्रदेश में पूरी तागत के साथ चुनावी तैयारियों में लगे हुए नजर आ रहे हैं, लेकिन कांग्रेस के सपा से गठबंधन के बाद भी ओपिनियन पोल कुछ खास कांग्रेस के पक्ष में नजर नहीं आ रहे हैं.
ऐसा इसलिए क्योंकि मतदाताओं की राय जानने के लिए टाइम्स नाउ ईटीजी (Times Now ETG Survey) ने सर्वे किया है. इस सर्वे में बीजेपी एक बार फिर जीतती नजर आ रही है. इस सर्वे में बीजेपी को एकतरफा जीत तो वहीं कांग्रेस की खस्ता हालत नजर आ रही है. सर्वे में एमपी लोकसभा चुनाव में बीजेपी (NDA) सभी 28-29 सीटों पर जीत हासिल कर सकती है. वहीं इस सर्वे में कांग्रेस (I.N.D.I.A) को 0-1 सीट मिलती नजर आ रही है. इसके अलावा अन्य के खाते में शून्य का आंकड़ा ही दिख रहा है.
वोट शेयर में किसको बढ़त?
टाइम्स नाउ ईटीजी के अनुसार वोट शेयर की बात की जाए तो NDA को करीब 59 प्रतिशत वोट शेयर मिलने का अनुमान जताया गया है. इसके अलावा इंडिया गठबंधन का वोट शेयर पिछले चुनाव के मुताबिक थोड़ी बहुत बढ़त बताई गई है. सर्वे के मुताबिक गठबंधन को महज 37 फीसदी वोट मिलने की संभावना है. जो पिछले चुनाव से करीब 3 प्रतिशत अधिक है. इसके अलावा अन्य दल और निर्दलीय प्रत्याशियों को भी 4 प्रतिशत वोट मिलने का अनुमान जताया गया है.
कैसा रहा था 2019 का परिणाम
2019 लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने एकतरफा जीत हासिल की थी, जिसमें 29 में से 28 सीटों पर जीत दर्ज की थी. तो वहीं इस चुनाव में कांग्रेस के कई दिग्गज जैसे दिग्विजय सिंह, अरूण यादव, उस सयम कांग्रेस में रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी हार का मुंह देखना पड़ा था. वोट शेयर की बात करें तो 2019 लोकसभा चुनाव में बीजेपी के खाते में 58 प्रतिशत वोट आए थे. वहीं कांग्रेस को 34.5 परसेंट वोट मिले थे. इस बार कांग्रेस की एकमात्र सीट छिंदवाड़ा भी मुश्किलों में नजर आ रही है. राजनीतिक जानकार बताते हैं कि जिस प्रकार लगातार कांग्रेस में टूट देखने को मिल रही है, ऐसे में कमलनाथ को अपना किला बचा पाना काफी मुश्किल साबित होगा.
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