Economic Survey and MP Budget- 2023-24: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 11 बजे कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर पहुंचकर मध्य प्रदेश शासन के आम बजट पर विशेषज्ञों से चर्चा और आमजन से संवाद किया. सीएम शिवराज ने कहा- ‘आमतौर पर बजट रूखा-सूखा और जनता की अरुचि का विषय होता है, लेकिन हम आप तैयार है कि बजट बनाने में जनता की सहभागिता हो. इसके लिए हमने पिछले वर्षों से इसके लिए कोशिश करना प्रारंभ की और जनता के सुझाव मांगे थे.’
मुख्यमंत्री ने कहा- ‘मध्यप्रदेश तेजी से प्रगतिपथ पर गतिमान है. सकल घरेलू उत्पाद की दृष्टि से देखें तो 2002-03 में यह केवल 71 हजार करोड़ के आसपास था, जो 2022-23 में बढ़कर 13 लाख 22 हजार 821 करोड़ रुपये हो गया है. युवाओं को स्वरोजगार के प्रति बढ़ावा देने के लिए हम मुख्यमंत्री युवा अप्रेंटिसशिप योजना शुरू कर रहे हैं, जो ‘करो और कमाओ’ या कहें कि Learn and Earn पर आधारित है, यानी ‘सीखो और कमाओ’ इसमें प्रतिवर्ष युवा को ₹1 लाख दिए जाएंगे.’
सीएम ने आगे कहा- ‘प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय 2002-03 में 11,718 रुपए थी, जो 2022-23 में बढ़कर 1,40,500 रुपए हो गई. मैं अभी संतुष्ट नहीं हूं. हमें अभी और आगे जाना है, लेकिन हम जिस गति से आगे बढ़ रहे हैं, वह अपने आप में एक रिकॉर्ड है.’
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जनता को बजट सरल भाषा में समझाना और सीधा संवाद है मकसद
बता दें कि इस इस कार्यक्रम के माध्यम से समाज के विभिन्न वर्गों, लाभार्थियों, हितधारकों से सीधे संवाद स्थापित कर सरकार की योजनाओं एवं उनके संभावित लाभ की जानकारी देना. इसके साथ ही समाज और सरकार के संबंध को मजबूत बनाने के लिए बहुत लाभकारी होगा. सरकार द्वारा आर्थिक सर्वेक्षण और प्रगतिशील व विकास उन्मुख बजट दिया गया है. बजट में जनहित की योजनाओं का विवरण और इनकी समझ राज्य के प्रमुख हितधारकों एवं आम नागरिकों तक सरलतम भाषा में पहुंचे ताकि सरकार कि राजनीतिक/वित्तीय विचारधारा को जनता समझ सके.
मुख्य तौर पर कार्यक्रम में निम्नलिखित उद्देश्य शामिल होंगे –
- मध्यप्रदेश के विकास की स्थिति एवं पिछले 2 दशकों में हुए अथक प्रयासों को आम जन एवं समाज के अन्य वर्गों के लोगों को सरल भाषा में समझाना.
- आर्थिक सर्वेक्षण और बजट के मुख्य बिन्दुओं पर नीतिगत निर्देशों के लिए विचार और समझ स्थापित करना.
- शासन की सार्वजनिक-नीति प्रक्रियाओं में हितधारकों को शामिल करना. (प्रतिभागी हितधारकों में स्थानीय जन-प्रतिनिधि, शिक्षाविद, उद्योग संघ, प्रमुख शासकीय अधिकारी, प्रमुख सामाजिक समूह, आम नागरिक, युवा एवं मीडियाकर्मी शामिल हुए.)