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अजब-गजब: छतरपुर में कलेक्टर की जनसुनवाई में गधे पर बैठकर पहुंचा फरियादी, फिर कर डाला ये काम

लोकेश चौरसिया

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Strange: In Chhatarpur collector's public hearing reached the complainant sitting on a donkey then did this work
Strange: In Chhatarpur collector's public hearing reached the complainant sitting on a donkey then did this work
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Chhatarpur news:  आपने जनसुनवाई के दौरान कई बार अजीबोगरीब किस्से सुने ही होंगे. लेकिन छतरपुर जैसा किस्सा शायद ही आपने सुना या देखा हो. छतरपुर में जन सुनवाई के दौरान एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. जहां पर एक शख्स गधे पर सवार होकर जनसुनवाई में अपनी समस्या लेकर आवेदन देने पहुंच गया. इतना ही नहीं मंजू अग्रवाल नाम के शख्स ने अधिकारियों के पास जाने के पहले गधे को माला पहनाई और उसे चांदी की प्लेट में काजू रखकर खिलाए. जब गधे ने प्रदर्शनकारी का बोझ उठाने से मना कर दिया तो लाते भी मारी गई. मतलब साफ है एक तरफ अपनी मांग को लेकर जानवर पर अत्याचार किया जा रहा है.

जब इस मामले को लेकर मंजू अग्रवाल से मीडिया कर्मियों ने सवाल किए तो मंजू का कहना था कि “चांदी की प्लेट में कौन अधिकारी काजू किशमिश खाते हैं यह किसी से छुपा नहीं है जो भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारी होते हैं वह चांदी की प्लेट में काजू किसमिस का आते हैं इसलिए हमने गधे को काजू खिलाए है”.

अनोखा प्रदर्शन बना चर्चा का विषय
मंजू अग्रवाल नाम के व्यक्ति द्वारा यह अनोखा प्रदर्शन इसलिए किया गया, क्योंकि उनका कहना है. कि मैं कई मर्तबा भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही को लेकर ज्ञापन दे चुका हूं. मगर मेरी किसी ने नहीं सुनी है. हर बार नए तरह का बहाना सुन सुन कर मैं थक चुका हूं.  इसलिए मैं इस बार गधे को काजू खिलाकर उसे माला पहना कर उस पर सवार होकर जनसुनवाई में आवेदन देने आया हूं. कि शायद इस शर्म के मारे ही अधिकारी मेरी समस्या का समाधान करें.

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अधिकारियों के भ्रष्टाचार को लेकर किया प्रदर्शन
प्रदर्शनकारी युवक का यह भी कहना है कि अधिकारियों के भ्रष्टाचार को लेकर यहां कई बार प्रदर्शन किया गया है, लेकिन उनकी न तो कभी समस्या सुनी गई और न ही उस समस्या का समाधान किया गया. मनोज अग्रवाल उर्फ मंजू की मुख्य समस्या है कि जमीन को लेकर कई बार उन्होंने आवेदन दिए हैं कि उनकी जमीन की नापतोल की जाए मगर उसकी कोई नही सुनता इसलिए आज उन्हें यह प्रदर्शन करते हुए कलेक्टर को ज्ञापन देना पड़ा हैं.

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