रंगपंचमी पर ‘गेर’ को दुनिया में अनोखी पहचान दिलाने के लिए इंदौर ने कसी कमर, राजबाड़ा पर मचेगी धूम

Indore News: इंदौर का गेर पूरे देश में अपने अनोखे रंग और यात्रा के लिए प्रसिद्ध है. रंगपंचमी के दिन पूरा इंदौर जमकर गेर खेलता है. कई फाग यात्राएं इसमें निकाली जाती हैं. राजबाड़ा से लेकर पूरे इंदौर शहर में गेर की धूम देखी जाती है. गेर के इस उत्सव को देखने देश से ही […]

Rangpanchami ger festival Indore News Rajwada Indore Ger

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Indore News: इंदौर का गेर पूरे देश में अपने अनोखे रंग और यात्रा के लिए प्रसिद्ध है. रंगपंचमी के दिन पूरा इंदौर जमकर गेर खेलता है. कई फाग यात्राएं इसमें निकाली जाती हैं. राजबाड़ा से लेकर पूरे इंदौर शहर में गेर की धूम देखी जाती है. गेर के इस उत्सव को देखने देश से ही नहीं बल्कि विदेशों से भी लोग इंदौर पहुंचते हैं. गेर की इस प्रसिद्धी को देख अब इंदौर के लोगों ने और प्रशासन ने मिलकर इसे विश्व धरोहर के रूप में पहचान दिलाने का निर्णय लिया है. यूनेस्को के अधिकारियों से इसे लेकर इंदौर जिला प्रशासन का पत्राचार शुरू भी हो चुका है. रविवार को पूरा इंदौर गेर के रंग में रंगा हुआ नजर आएगा.

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रंगपंचमी के मौके पर इंदौर के राजबाड़ा क्षेत्र में निकलने वाली गेर को विश्व धरोहर में शामिल कराने के लिए जिला प्रशासन के द्वारा यूनेस्को से संपर्क की कवायद की जा रही है. इसके लिए जिला प्रशासन ने गैर को यूनेस्को में शामिल करवाने के लिए डॉक्यूमेंटेशन का कार्य भी किया जा रहा है.

साथ ही इसके लिए ऑनलाइन आवेदन भी जिला प्रशासन ने यूनेस्को को किया है. अब इंतजार है गेर को देखने के लिए यूनेस्को की टीम के आने का. संभावना है कि रविवार को यूनेस्को की टीम भी इंदौर गेट को देखने आ सकती है. सालों से गेर यात्रा को निकाल रहे टोरी कॉर्नर के संयोजक शेखर गिरी बताते हैं कि रविवार को आयोजित होने वाले गेर के लिए 100 किलो गुलाल की व्यवस्था की गई है.

क्या है गेर का इतिहास?
टोरी कॉर्नर गेर यात्रा के आयोजक शेखर गिरी बताते हैं कि 74 वर्ष पूर्व गेर यात्रा का नाम घेर यात्रा था. जिसका मतलब लोगो को घेर कर चलना था. लेकिन समय के साथ साथ इसका स्वरूप बदला और इसका नाम गेर पड़ गया. शुरुआत में कुछ लोगो के साथ बैल गाड़ियों पर पानी की टंकी बांधकर टोरी कॉर्नर से राजबाड़े तक यात्रा निकाली जाती थी. जिसमें कुछ चुनिंदा लोग ही शामिल होते थे. लेकिन जैसे-जैसे इस गेर यात्रा की प्रसिद्धि बढ़ती गई वैसे-वैसे इसमें लोगो की संख्या भी लगातार बढ़ती गई और आज आलम यह है कि इंदौर की निकलने वाली गेर यात्रा में प्रदेश ही नहीं बल्कि विदेशों से लोग भी शामिल होने आते है

इंदौर में वैसे तो 6 प्रमुख बड़ी गेर यात्रा निकलती हैं लेकिन उसके साथ ही 32 अन्य छोटी फाग यात्रा भी निकाली जाती हैं. इस दौरान रंग और गुलाल से पूरा राजबाड़ा क्षेत्र सराबोर हो जाता है और इस यात्रा में सभी एक दूसरे को रंग गुलाल लगाकर सौहार्द की मिसाल भी पेश करते हैं. पूरी यात्रा के बाद सफाई का दौर चलता है. जिसे नगर निगम और आम लोग मिलकर अंजाम देते हैं. क्योंकि इंदौर देश में सफाई में नंबर 1 बन चुका है.

पुलिस की भी है पूरी तैयारी
इंदौर में निकलने वाली परंपरागत गेर को लेकर पुलिस ने अपनी सारी तैयारियां पूरी कर ली हैं. वहीं उसके लिए शनिवार को कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्र द्वारा सारे अधिकारियों के साथ फाइनल समीक्षा बैठक ली गई और जरूरी दिशा निर्देश दिए गए. इस दौरान कई थाना प्रभारी और अन्य आईपीएस अफसर मोजूद रहे जो गेर यात्रा में सुरक्षा की जिम्मेदारी को संभालेंगे.

लाखों लोगों के जुटने की संभावना
गेर की यात्रा में हर साल ही लाखों लोग जुटते हैं. यात्रा में पांव रखने तक को जगह नहीं बचती है. इस बार भी अनुमान लगाया जा रहा है कि 4 से 5 लाख लोग गेर यात्रा के लिए जुटेंगे. इसे देखते हुए इंदौर पुलिस ने गेर मार्ग का दौरा भी किया गया. कंट्रोल रूम पर फाइनल समीक्षा बैठक की गई. पुलिस कमिश्नर के मुताबिक इंदौर में होने वाले इस आयोजन के लिए हफ्ते भर से तैयारियां की जा रही हैं. इसके लिए डेढ़ हजार जवान रहेंगे. वही छह से ज्यादा ड्रोन कैमरों से निगरानी रखी जायेगी. वही इस दौरान ट्रेनी आईपीएस अधिकारी भी इस चुनौतीपूर्ण माहौल में मौजूद रहेंगे और सुरक्षा व्यवस्था देखेंगे ताकि उन्हें भी इस माहौल से कुछ सीखने को मिले.

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