Hanuman Janmotsava 2024: हनुमान जयंती की धूम देशभर में दिखाई दे रही है. बजरंग बली के मंदिरों में सुबह से ही भक्तों का जमावड़ा लगा हुआ है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर भगवान हनुमान जी का जन्म हुआ था, इसलिए इस दिन को हनुमान जयंती के रूप में मनाया जाता है. हनुमान की जयंती के खास मौके पर बाबा महाकाल ने भी हनुमान अवतार ले लिया है. महाकाल में आज बजरंगबली की झलक देखने को मिलेगी.
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बाबा महाकालेश्वर को खास त्योहारों पर अलग-अलग रूपों में सजाने की परंपरा रही है, यही वजह है कि हनुमान जयंती के मौके पर बाबा को बजरंगबली के रूप में सजाया गया है.
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बजरंगबली रूप में महाकाल
बाबा महाकाल की भस्मारती के बाद उनका मेवे से शृंगार किया गया. महाकाल को आज पवन पुत्र का रूप दिया दिया गया है. बाबा इस रूप में बड़े ही मनमोहक लग रहे हैं. भोग आरती, प्रातःकालीन आरती, संध्याकालीन आरती और शयन आरती में भी भगवान महाकाल में बजरंगबली की झलक देखने को मिलेगी.
शिव के रुद्र अवतार हैं हनुमान
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव के 12 रूद्र अवतार हैं. हनुमान इन्हीं में से एक हैं. मान्यताओं के मुताबिक, भगवान शिव ने त्रेता युग में वानर के रूप में रुद्र अवतार लिया था, जो राम भक्त हनुमान के रूप में जाने जाते हैं.
हनुमान जयंती की पूजा का मुहूर्त
हनुमान जयंती के दिन हनुमान जी की पूजा अभिजित मुहूर्त में करें. सबसे पहले उत्तर-पूर्व दिशा में चौकी पर एक लाल कपड़ा बिछाएं. हनुमान के साथ भगवान राम प्रतिमा स्थापित करें. हनुमान जी को लाल और राम जी को पीले फूल अर्पित करें. लड्डू का भोग लगाएं. तुलसी दल भी अर्पित करें. पहले श्री राम के मंत्र 'ऊं राम रामाय नमः' का जाप करें. फिर हनुमान जी के मंत्र 'ऊं हं हनुमते नमः' का जाप करें.
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