दुनिया की पहली वैदिक घड़ी पर साइबर हमला, पीएम मोदी ने किया था अनावरण

रवीशपाल सिंह

08 Mar 2024 (अपडेटेड: Mar 8 2024 7:53 PM)

World's first Vedic clock: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उज्जैन के जंतर-मंतर में स्थापित जिस विक्रमादित्‍य वैदिक घड़ी का वर्चुअल लोकार्पण किया था, उस पर आज साइबर अटैक हो गया है.

उज्जैन की वैदिक घड़ी पर साइबर अटैक हुआ है.

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World's first Vedic clock: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उज्जैन के जंतर-मंतर में स्थापित जिस विक्रमादित्‍य वैदिक घड़ी का वर्चुअल लोकार्पण किया था, उस पर आज साइबर अटैक हो गया है. आज यानि 8 मार्च को इसका ‘विक्रमादित्य वैदिक घड़ी’ नाम से फ्री मोबाइल ऐप लांच होना था, लेकिन उससे पहले ही साइबर अटैक हो गया है. साइबर अटैक से विक्रमादित्‍य वैदिक घड़ी के सर्वर की प्रोसेस धीमी हो रही है और आम लोग इसका उपयोग नहीं कर पा रहे है.

दरअसल, इंटरनेट और जीपीएस से जुड़ी होने के कारण दुनिया में कहीं भी इस वैदिक घड़ी का इस्तेमाल किया जा सकता है. साइबर अटैक के बाद विक्रमादित्य शोधपीठ संस्थान के डायरेक्टर श्रीराम तिवारी के मुताबिक साइबर सेल में इस साइबर अटैक की शिकायत दर्ज करवा दी गयी है.

दुनिया की पहली वैदिक घड़ी क्यों है खास?

- यह घड़ी काल गणना समेत सूर्य और चंद्र ग्रहण का सटीक समय बताती है.
- यह घड़ी, वैदिक हिंदू पंचांग, तिथि, ग्रहों की स्थिति, ज्योतिषीय गणना और भविष्यवाणियों की भी जानकारी देती है.
- यह घड़ी, सूर्योदय से सूर्योदय तक की गणना करती है.
- इसमें भारतीय स्टैंडर्ड टाइम के आधार पर 60 मिनट नहीं बल्कि 48 मिनट का एक घंटा तय किया गया है.
- वैदिक समय के आधार पर ही यह घड़ी अलग-अलग मुहूर्त भी दिखाती है.
- यह घड़ी, इंडियन स्टैंडर्ड टाइम (IST) और ग्रीनविच मीन टाइम (GMT) के साथ-साथ पंचांग और मुहूर्त की भी पूरी जानकारी देती है.
- इस घड़ी से भारतीय काल गणना विक्रम संवत की जानकारी भी मिलती है.
- इस घड़ी से सूर्योदय से सूर्यास्त के साथ ग्रह, योग, नक्षत्र, चौघड़िया की जानकारी भी मिलती है.
- यह घड़ी पूरी तरह डिजिटल है.
- यह घड़ी, आम घड़ियों की तरह सुई वाली नहीं है.

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