एक स्कूल ऐसा भी! जहां पढ़ाती है पुलिस, सैलरी से पैसे जुटाकर दे रहे हैं स्किल्स की ट्रेनिंग

आकाश चौहान

21 Feb 2023 (अपडेटेड: Feb 21 2023 12:10 PM)

Mandsaur News: मंदसौर की गांधी सागर थाना पुलिस ने एक अनूठी पहल की है. इसके तहत पुलिस अपनी सैलरी से फंड जुटाकर, उसे बच्चों की स्किल्स ट्रैनिंग पर खर्च कर रही है. गांधीनगर थाने की पुलिस की तनख्वाह का कुछ हिस्सा अनुसूचित जाति के बच्चों की शिक्षा पर खर्च किया जा रहा है. इसके जरिए […]

Madhya Pradesh, Skills Training, Mandsaur News, Gandhi Sagar Police

Madhya Pradesh, Skills Training, Mandsaur News, Gandhi Sagar Police

follow google news

Mandsaur News: मंदसौर की गांधी सागर थाना पुलिस ने एक अनूठी पहल की है. इसके तहत पुलिस अपनी सैलरी से फंड जुटाकर, उसे बच्चों की स्किल्स ट्रैनिंग पर खर्च कर रही है. गांधीनगर थाने की पुलिस की तनख्वाह का कुछ हिस्सा अनुसूचित जाति के बच्चों की शिक्षा पर खर्च किया जा रहा है. इसके जरिए उन्हें स्किल्स की ट्रैनिंग दी जा रही है, ताकि वह अपनी जिंदगी में कुछ कर सकें और कुछ नहीं तो कम से कम आत्मनिर्भर बन सकें. इस तरह से गांव से दूर के इलाके में रहने वाले बच्चों को स्पेशल क्लास दी जाती हैं.

यह भी पढ़ें...

आमतौर पर आपने पुलिस को अपराधियों को पकड़ते हुए, मामले की छानबीन करते हुए ही देखा होगा. लेकिन मंदसौर की गांधी सागर पुलिस की पहल के बारे में सुनकर हर कोई खुशी और आश्चर्य से भर जाएगा. गांधीनगर थाना पुलिस ने नई पहल की शुरुआत की है. इसके जरिए छोटे बच्चों को स्किल्स की ट्रैनिंग दी जा रही है. खास बात ये है कि इसके लिए सरकारी मदद या फिर जनसहयोग से नहीं, बल्कि पुलिस की सैलरी से पैसा खर्च किया जाता है.

ये भी पढ़ें: इंदौर ने रचा इतिहास, ग्रीन ब्रांड पब्लिक इश्यू की NSE में हुई लिस्टिंग; सीएम ने घंटा बजाकर की घोषणा

एसआई की पहल पर हुई शुरुआत
इस तरह की स्पेशल स्किल्स ट्रैनिंग की शुरुआत थाने के एसआई लाखन सिंह राजपूत की पहल पर की गई. पुलिस उप निरीक्षक लाखन सिंह राजपूत जब गांधी सागर आए थे, तभी से उन्होंने इन बच्चों को पढ़ाने का जिम्मा लिया. गांधी सागर थाने के आरक्षकों की तनख्वाह से हर महीने 100 से 200 रुपये बच्चों की शिक्षा के लिए दिए जाते हैं. बाकी खर्च उप निरीक्षक अपनी तनख्वाह से उठाते हैं. ये स्पेशल क्लासेज पिछले एक साल से चलाई जा रही हैं.

ये भी पढ़ें: एमपी अजब है: गणतंत्र दिवस पर 48 हजार रुपये की मिठाई खा गए स्कूली बच्चे, बिल पर्ची वायरल

बच्चों को पढ़ाने आते हैं पुलिस वाले
बच्चों को पढ़ाने के लिए पार्वती नाम की टीचर को हायर किया गया है. टीचर भी बच्चों के गांव से ही है. इसके अलावा अक्सर इन बच्चों को पढ़ाने के लिए पुलिस के अधिकारी और कर्मचारी भी आते रहते हैं. वे बच्चों के लिए कभी अपने साथ कॉपी, पेन बेग,पानी की बोटल, चॉकलेट, आदि चीजें लेकर आते हैं. इन क्लासेज की मॉनिटरिंग भी पुलिस करती है. क्लास के व्हाट्सएप ग्रुप पर टीचर द्वारा पढ़ाई के वीडियो डाले जाते हैं. बच्चे स्कूल भी जाते हैं लेकिन उन्हें यहां अच्छी पढ़ाई के साथ-साथ स्किल्स की ट्रैनिगं भी दी जाती है.

    follow google newsfollow whatsapp