"क्या उसे मरना ही था" ग्वालियर पुलिस पूछ रही ये सवाल, जानें कैसे एक मौत बन गई मिस्ट्री

हेमंत शर्मा

• 02:56 PM • 08 Mar 2024

ग्वालियर में एक युवती की मौत हो गई है. लेकिन इस युवती की मौत एक मिस्ट्री बन गई है. ग्वालियर पुलिस हर किसी से एक ही सवाल कर रही है कि आखिर युवती ने मौत का रास्ता क्यों चुना. क्यों उसने बार-बार मरने की कोशिश की.

ग्वालियर में एक युवती की मौत का मामला मिस्ट्री बन गया है.

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Gwalior Crime News: बेटी ने जहर खा लिया था तो परिजन दौड़े भागे उसे अस्पताल लेकर पहुंचे. कुछ दिनों तक अस्पताल में उपचार हुआ तो बेटी दुरुस्त हो गई. परिजनों ने राहत की सांस ली और अस्पताल से छुट्टी करवा कर बेटी को घर ले आए, लेकिन मौका पाते ही बेटी ने एक बार फिर खुदकुशी का मन बनाया और फांसी लगाकर अपनी जान दे दी.

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यह पूरी घटना मुरार के काशीपुरा इलाके की है. यहां के निवासी परमाल रजक और रीना रजक की 19 साल की बेटी कीर्ति रजक ने कुछ दिनों पहले जहर खाकर खुदकुशी करने की कोशिश की थी. कीर्ति रजक का जहर खाने का पता जैसे ही उसके परिजनों को लगा तो परिजन उसे तुरंत अस्पताल लेकर पहुंचे.

यहां डॉक्टरों ने समय रहते उपचार किया और कीर्ति की जान बचा ली. कुछ दिनों तक कीर्ति अस्पताल में ही भर्ती रही. तीन दिन पहले पूरी तरह स्वस्थ हो जाने पर कीर्ति को अस्पताल से छुट्टी मिल गई. कीर्ति के घर वाले यह सोचकर खुश थे, कि उनकी बेटी अब सुरक्षित है. लेकिन उन्हें नहीं मालूम था कि कीर्ति के मन में क्या चल रहा है.

गुरुवार को कीर्ति के माता-पिता काम के सिलसिले में घर से बाहर चले गए थे. कीर्ति घर पर अकेली थी. मौका देखकर कीर्ति ने एक बार फिर से खुदकुशी करने का मन बनाया और घर में ही फांसी के फंदे पर लटक कर अपनी जान दे दी. कीर्ति की मां रीना जब घर वापस लौटी तो उन्होंने अपनी बेटी को फांसी के फंदे पर लटका पाया.

पुलिस और परिवार सभी पूछ रहे, आखिर बेटी ने क्यों उठाया ऐसा कदम

यह देखते ही मां की चीख निकल गई. घरवाले और मोहल्ले वाले एकजुट हो गए. पुलिस को सूचना दी गई तो मुरार थाना पुलिस भी घटना स्थल पर पहुंची और मृतका के शव को फांसी के फंदे से उतरवा कर उसका पोस्टमार्टम करवाया. पुलिस ने इस मामले में फिलहाल मर्ग कायम कर लिया है, लेकिन अभी तक इस बात का खुलासा नहीं हुआ है कि कीर्ति ने आखिर खुदकुशी क्यों की? एक बार नहीं बल्कि दो बार उसने जान देने की कोशिश की. पहली बार उसके परिजनों ने उसे बचा लिया, लेकिन दूसरी बार उसे बचाने के लिए उसके आसपास उसके घर का कोई सदस्य मौजूद नहीं था. इसलिए कीर्ति अपनी जान देने में सफल हो गई और अपने पीछे रोते हुए मां-बाप को छोड़ गई.

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