बीजेपी, कांग्रेस, सपा के बाद अब 'हाथी' पर सवार होंगे नारायण त्रिपाठी, लड़ेंगे सतना सीट से चुनाव?

वेंकटेश द्विवेदी

21 Mar 2024 (अपडेटेड: Mar 21 2024 12:47 PM)

मध्य प्रदेश में जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, ठीक वैसे ही राजनीतिक सरगर्मी तेज होती जा रही है. चुनाव से पहले ये राजनीतिक सरगर्मी विंध्य क्षेत्र से देखने को मिल रही है.

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Loksabha Chunav 2024: मध्य प्रदेश में जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, ठीक वैसे ही राजनीतिक सरगर्मी तेज होती जा रही है. बीते करीब एक सप्ताह से कांग्रेस को एक के बाद एक झटके लग रहे हैं, इसी बीच सतना जिले से भी बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम देखने को मिल रहा है. यहां की मैहर विधानसभा सीट से विधायक रहे नारायण त्रिपाठी बसपा में शामिल होने जा रहे हैं. ऐसा माना जा रहा है वे सतना लोकसभा सीट से बसपा की टिकट पर चुनावी लड़ेंगे. 

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आपको बता दें मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के समय नारायण त्रिपाठी ने बीजेपी से बगावत कर अपनी अलग विध्य जनता पार्टी बनाई थी. जिससे उन्होंने करीब 25 प्रत्याशी विधानसभा के मैदान में उतारे थे, उनके साथ ही लगभग सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई थी. आपको बता दें नारायण त्रिपाठी और मौजूदा सतना सांसद गणेश सिंह की कई बार तू-तू मैं-मैं की खबरें मीडिया की सुर्खियां बनी हैं.

हर राजनीतिक पार्टी में त्रिपाठी ने बिताया समय

नारायण त्रिपाठी ने अपनी सियासत की शुरूआत साल 2003 में समाजवादी पार्टी से शुरू की थी. पहली बार विधानसभा सपा के टिकट पर चुनाव जीतकर पहुंचे थे. करीब 10 साल बाद उन्होंने कांग्रेस का हाथ थाम लिया और दूसरी बार विधायकी बरकरार रखी थी. लेकिन कांग्रेस के साथ उनका सफर महज 3 साल का ही रह सका था. इसके बाद उन्होंने साल 2016 के उपचुनाव में भाजपा का झंडा थाम लिया और उपचुनाव जीत गए. 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की थी. लेकिन तब की कांग्रेस सरकार से उनकी करीबी जग जाहिर थी. ऐसा माना जा रहा था कि वे किसी भी वक्त कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. 

हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने मैहर सीट से श्रीकांत चतुर्वेदी को टिकट दे दिया था. फिर नारायण त्रिपाठी बागी बन गए थे. उन्होंने खुद की पार्टी बना डाली और 25 सीटों पर ताल ठोंक दी. हालांकि उन्हें खुद चुनाव में हार का सामना करना पड़ा. लगभग सभी दलों में रहने के बाद अब त्रिपाठी बहुजन समाज पार्टी का दामन थाम रहे हैं. 

क्या है सतना लोकसभा सीट का गणित

विधानसभा चुनाव में हार के बाद भी सतना लोकसभा सीट से सांसद गणेश सिंह को बीजेपी ने मौका दिया है, गणेश सिंह चार बार के सांसद हैं. वहीं, विधानसभा चुनाव में उन्हें हराने वाले सिद्धार्थ कुशवाहा को कांग्रेस ने उम्मीदवार बनाया है. ऐसे में नारायण त्रिपाठी की एंट्री के बाद सतना लोकसभा सीट पर मुकाबला दिलचस्प हो गया है. 

गणेश सिंह ने 2004 में पूर्व मंत्री राजेंद्र सिंह को 90000 से अधिक वोटों से हराकर पहली बार सतना से लोकसभा चुनाव जीता था. तभी से लगातार गणेश सिंह का सतना लोकसभा सीट पर कब्जा है.
 

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