Digvijay Singh Big Statement: कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में जा रहे पार्टी नेताओं पर दिग्विजय सिंह ने निशाना साधा है. उन्होंने ऐसे नेताओं को 'बिन पेंदी का लोटा' करार दिया है. दिग्विजय सिंह ने इसका अर्थ बताते हुए कहा- जो व्यक्ति इधर-उधर हो जाये वो बिन पेंदी का लोटा ही कहा जाता है. दिग्विजय सिंह ने कहा, "मैं जिस पार्टी में हूं उसकी हालत कितनी भी खराब हो जाये, मैं आखिरी सांस तक उस पार्टी में रहूंगा."
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दिग्विजय सिंह ने चुनाव प्रचार के दौरान कहा- कांग्रेस की विचारधारा छोड़कर बीजेपी में शामिल होने वाले लोगों को आड़े हाथों लिया. यहां पर दिग्विजय सिंह ने ऐसा बयान दिया, जिसे सुनकर लोग हैरान रह गए. दरअसल, वह भाषण के बीच में ही RSS और जनसंघ की तारीफ करने लगे. उन्होंने उससे जुड़े लोगों के संघर्ष की तारीफ की.
आरएसएस के लोग बिन पेंदी के लोटा नहीं: दिग्विजय सिंह
दिग्विजय ने कहा कि "RSS जनसंघ में कुछ न होने के बावजूद लोग टिके रहे. कभी विचारधारा को नहीं छोड़ा. वे लोग बिन पेंदी के लोटे नहीं थे. कम से कम उनमें हिम्मत तो थी एक जगह खड़े रहने की." हालांकि बाद में दिग्विजय ने सफाई देते हुए कहा- वे RSS जनसंघ की विचारधारा से बिल्कुल प्रभावित नहीं हैं.
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मोदी परिवार भ्रष्टाचारियों का परिवार: दिग्गी
दिग्विजय सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा, "मोदी परिवार भ्रष्टाचारियों का परिवार है" पूरे देश में दो परिवार हैं एक संघ परिवार, जो विचारधारा के साथ चलता है. दूसरा मोदी परिवार जो बेईमान भ्रष्टाचारियों पर आरोप लगाकर उन्हें अपने साथ मिलाता है और पद देता है."
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दिग्विजय ने सिंधिया को बता दिया लालची
दिग्विजय सिंह ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को लालची करार देते हुए कहा कि 'जो व्यक्ति बिना कुर्सी और पद के नहीं रह सकता वो कहीं भी जाये हमें क्या? जिसने चुनाव हराया उसी के साथ शामिल हो गए, जिसने चुनकर सरकार बना दी. उसी की सरकार गिरा दी. करोड़ो रुपये देकर विधायकों को खरीद लिया गया.'
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बीजेपी की नीति- खाओ-खिलाओ
दिग्विजय सिंह ने खुलासा करते हुए कहा कि एक और विधायक अमित शाह के संपर्क में था. 50 करोड़ रुपये की डील थी. लेकिन सौदा नहीं पटा और डील कैंसिल हो गई. "पहले ढोर (जानवर) खरीदते थे. आजकल विधायक खरीदे जा रहे हैं." बीजेपी के काम करने की नीति है खाओ खिलाओ. दिग्विजय सिंह ने शिवराज सिंह चौहान पर तंज कसते हुए बयान दिया कि आरएसएस और जनसंघ के लोग घर बैठ गए, क्योंकि मामा को तो ठेकेदार चाहिए थे कमाई करने वाले.
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