बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी ने किया बाबा रामदेव के बयान का समर्थन, लेकिन विंध्य प्रदेश की भी उठाई मांग

योगीतारा दूसरे

30 Jan 2023 (अपडेटेड: Jan 30 2023 6:32 AM)

MP POLITICAL NEWS: सतना जिले के मैहर से भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी एक बार फिर से चर्चाओं में हैं. उन्होंने अब योग गुरु बाबा रामदेव के पीओके (पाक अधिकृत कश्मीर) को भारत में शामिल करने के बयान का समर्थन किया है. बयान के समर्थन में बाबा रामदेव को उन्होंने पत्र भी लिखा है. लेकिन पत्र […]

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MP POLITICAL NEWS: सतना जिले के मैहर से भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी एक बार फिर से चर्चाओं में हैं. उन्होंने अब योग गुरु बाबा रामदेव के पीओके (पाक अधिकृत कश्मीर) को भारत में शामिल करने के बयान का समर्थन किया है. बयान के समर्थन में बाबा रामदेव को उन्होंने पत्र भी लिखा है. लेकिन पत्र में उन्होंने एक बार फिर से मध्यप्रदेश को विभाजित कर एक अलग विंध्य प्रदेश बनाने की मांग को उठा दिया है. इससे मध्यप्रदेश में विध्य प्रदेश को लेकर भाजपा की मुश्किले बढ़ सकती हैं.

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नारायण त्रिपाठी ने अपने पत्र में लिखा है कि “आपके भरसक प्रयास से देश सहित संपूर्ण दुनिया में भारतीय योग विद्या को अपनाकर करोड़ों लोगों ने सेहतमंद स्वास्थ्य पाया है. आपके द्वारा दिया गया बयान ‘सिंध समेत पाक अधिकृत कश्मीर को भारत में शामिल करना चाहिए‘ का मैं भरपूर समर्थन करता हूं. मैंने भी पूर्व में कई बार सार्वजनिक रूप से कहा है कि राष्ट्रगान ‘जन गण मन‘ को संविधान सभा ने जनवरी 1950 में लागू किया था, उसकी पंक्तियों में ‘पंजाब, सिंध, गुजरात, मराठा, द्राविड़ उत्कल बंग, विंध्य, हिमाचल, यमुना, गंगा उच्छल, जलधि तरंग‘ अर्थात् सिंध का अस्तित्व विभाजन उपरांत भी संविधान सभा ने माना था. लेकिन इस अवधि में देश में विंध्य प्रदेश सहित अन्य वर्णित क्षेत्र भी अस्तित्व में थे”

छलपूर्वक विंध्य प्रदेश को मध्यप्रदेश में कराया था विलय- नारायण त्रिपाठी
नारायण त्रिपाठी बाबा रामदेव को लिखे पत्र में बताते हैं कि “विंध्य प्रदेश का छलपूर्वक विलय सन 1956 में मध्यप्रदेश में किया गया था. यह  भूभाग महर्षि अत्रि, अगस्त्य, दत्तात्रेय, बाल्मीकि सहित वनवासी प्रभु श्रीराम की तपोस्थली भी रहा है.वैदिक काल से महत्वपूर्ण इस क्षेत्र को स्वतंत्रता प्राप्ति के उपरांत सरदार वल्लभ भाई पटेल एवं महात्मा गांधी की इच्छा से सेन्ट्रल इंडिया एजेंसी ने राज्य के रूप में स्वीकार किया था. सन 1948 में इसका गठन भी किया गया था लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि अब   विंध्य का अस्तित्व विलोपित हो रहा है. अतः संविधान सभा द्वारा मान्य राष्ट्रगान को पूर्णता प्रदान करने हेतु ‘विंध्य प्रदेश का पुनर्गठन‘ एवं ‘सिंध समेत पाक अधिकृत कश्मीर‘ का भारत में विलय पूरी तरह से उचित होगा”.

विंध्य प्रदेश की मांग उठाकर बीजेपी में साइड लाइन हैं नारायण त्रिपाठी?
बीजेपी के अंदर मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी को लेकर लंबे समय से कंट्रोवर्सी चल रही है. बीजेपी से विधायक होने के बावजूद नारायण त्रिपाठी ने अलग विंध्य प्रदेश बनाने की मांग उठा रखी है जो बीजेपी की पार्टीलाइन से अलग मामला है. इसे लेकर बीजेपी के वरिष्ठ नेता मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी से कटे-कटे रहते हैं. स्थानीय लोग बताते हैं कि जब भी बीजेपी के किसी बड़े नेता का मैहर में आना होता है तो अक्सर नारायण त्रिपाठी की गैर मौजूदगी ही देखी गई है. 2018 के विधानसभा चुनाव को जीतकर जब कांग्रेस की कमलनाथ सरकार बनी थी तो उन्होंने कैबिनेट में मैहर को अलग जिला बनाने का प्रस्ताव पास करके बीजेपी के अंदर फूट डालने की कोशिश भी की थी लेकिन प्रस्ताव अमल में आता, उससे पहले ही कांग्रेस की सरकार गिर गई थी.

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