जिस कथावाचक के पंडाल में पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने की ‘संतों’ पर टिप्पणी, उसने किया ये ऐलान

शकील खान

• 08:42 AM • 28 May 2023

Dewas News: मध्यप्रदेश के देवास की सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र में चल रही भागवत कथा के दौरान कुछ ऐसा हो गया, जिसके बाद मध्यप्रदेश की राजनीति में एक बार फिर से हलचल मच गई. देवास की सोनकच्छ विधानसभा से कांग्रेस नेता सज्जन सिंह वर्मा विधायक हैं. कमलनाथ सरकार में मंत्री रह चुके हैं. उन्होंने सोनकच्छ विधानसभा […]

mptak
follow google news

Dewas News: मध्यप्रदेश के देवास की सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र में चल रही भागवत कथा के दौरान कुछ ऐसा हो गया, जिसके बाद मध्यप्रदेश की राजनीति में एक बार फिर से हलचल मच गई. देवास की सोनकच्छ विधानसभा से कांग्रेस नेता सज्जन सिंह वर्मा विधायक हैं. कमलनाथ सरकार में मंत्री रह चुके हैं. उन्होंने सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र के ग्राम जिरवाय में चल रही भागवत कथा के पंडाल में पहुंचकर बयान दे दिया कि धर्म के नाम पर लोगों की बड़ी-बड़ी दुकानें चल रही हैं. पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने अपनी इस बात के समर्थन में बागेश्वर धाम के महंत पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री और सीहोर के पं. प्रदीप मिश्रा का उदाहरण दिया.

यह भी पढ़ें...

यह सब सुनने के बाद अगले दिन भागवत कथा कर रहे कथावाचक पंडित रामकृष्ण उपाध्याय ने ऐलान कर दिया कि सज्जन वर्मा ने संतों का अपमान उनकी मौजूदगी में किया है, इसलिए वे संकल्प लेते हैं कि आज के बाद वे कभी भी सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र में कथा करने नहीं आएंगे. कथावाचक के इस ऐलान का वीडियो जैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, मध्यप्रदेश की राजनीति में नऐ सिरे से हलचम मच गई और बीजेपी ने कांग्रेस पर संतों का अपमान करने के आरोप लगाना शुरू कर दिया.

पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा था कि बागेश्वर धाम के महंत पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री और सीहोर के पं. प्रदीप मिश्रा की अब दुकान छोटी नहीं बल्कि बड़े शोरूम में तब्दील हो चुकी है. ये लोग धर्म के नाम पर दुकान चला रहे हैं और असली संत नहीं है. हालांकि इस दौरान उन्होंने कथावाचक पंडित रामकृष्ण उपाध्याय को संत कहा था. यह बयान उनका एक दिन पूर्व का है और उस दिन कथावाचक ने पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा को कुछ नहीं बोला था.

अगले दिन कथा पंडाल में बोले कथावाचक, पाप हुआ है
इस घटनाक्रम के अगले दिन कथावाचक रामकृष्ण उपाध्याय ने कहा कि वे व्यास पीठ पर बैठे थे, इसलिए वे उस समय पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा को कुछ बोल नहीं पाए. सज्जन वर्मा उनके अच्छे मित्र हैं लेकिन इस घटनाक्रम से संतों का अपमान हुआ है. चूंकि संतों का अपमान उनकी मौजूदगी में हुआ है तो यह पाप सिर्फ सज्जन सिंह वर्मा का नहीं बल्कि खुद उनका भी पाप है. इसलिए इस पाप के प्रायश्चित के लिए उन्होंने संकल्प लिया है कि वे अब कभी भी सोनकच्छ विधानसभा क्षेत्र में कथावाचन नहीं करेंगे. फिलहाल सज्जन सिंह वर्मा की संतों पर टिप्पणी और कथावाचक रामकृष्ण उपाध्याय के संकल्प के वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहे हैं और बीजेपी को कांग्रेस पर निशाना साधने के लिए मुद्दा मिल गया है.

ये भी पढ़ें- कांग्रेस की सरकार बनी तो इनको मिलेंगे मंत्रालयों के गेट पास, पीसीसी चीफ कमलनाथ ने किया ऐलान

    follow google newsfollow whatsapp