PESA को लेकर भाजपा-कांग्रेस में छिड़ी जंग, सुमेर सोलंकी और दिग्विजय ने एक-दूसरे पर लगाए बड़े आरोप

इज़हार हसन खान

11 Apr 2023 (अपडेटेड: Apr 11 2023 10:01 AM)

Madhya Pradesh: पेसा कानून को लेकर भाजपा और कांग्रेस में जंग छिड़ी हुई है. भाजपा के राज्यसभा सांसद डॉ. सुमेर सिंह सोलंकी ने सीएम शिवराज सिंह चौहान को को पेसा कानून लागू करने का श्रेय देते हुए राघोगढ़ की आदिवासी भूमि भील राजाओं को वापस देने की बात कही थी. उन्होंने दिग्विजय सिंह पर तंज […]

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Madhya Pradesh: पेसा कानून को लेकर भाजपा और कांग्रेस में जंग छिड़ी हुई है. भाजपा के राज्यसभा सांसद डॉ. सुमेर सिंह सोलंकी ने सीएम शिवराज सिंह चौहान को को पेसा कानून लागू करने का श्रेय देते हुए राघोगढ़ की आदिवासी भूमि भील राजाओं को वापस देने की बात कही थी. उन्होंने दिग्विजय सिंह पर तंज कसते हुए कहा कि 1993-2003 के बीच आदिवासियों की जमीनों की सबसे ज्यादा अवैध बिक्री हुई है. इसे लेकर दिग्विजय सिंह ने पलटवार किया है. दिग्विजय सिंह ने सुमेर सिंह सोलंकी पर झूठ का आरोप लगाते हुए उन्हें 15 दिनों के अंदर सबूत दिखाने को कहा है.

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प्रदेश में आदिवासियों को लेकर बने पेसा कानून को लेकर हुआ विवाद नया नहीं है. आदिवासियों और उनकी परंपराओं के संरक्षण के लिए पेसा कानून बनाया गया था. नबंवर 2022 में इस कानून में संशोधन किया गया था. पेसा के जरिए आदिवासियों को जमीन, जल, जंगल, परंपराएं और श्रमिको संरक्षण का अधिकार दिया गया है. ये आदिवासियों के हितों संरक्षण के लिए बनाया गया है.

दिग्विजय सिंह के कार्यकाल पर आरोप
भाजपा के राज्यसभा सांसद सुमेर सिंह सोलंकी ने दिग्विजय सिंह के कार्यकाल में आदिवासियों की जमीन की अवैध बिक्री होने का आरोप लगाते हुए ट्वीट किया. उन्होंने लिखा कि आदिवासी ज़मीन बिक्री की 170 B की सबसे अधिक अवैध अनुमति 1993-2003 में मिली. सोलंकी ने शिवराज सिंह को धन्यवाद देते हुए कहा कि मामा श्री शिवराजसिंह जी के पेसा नियम से सारी अवैध अनुमति भूमि वापस आदिवासियों को मिलेगी. सोलंकी ने इसी के साथ लिखा कि राघोगढ़ की आदिवासी भूमि भी भील राजा को वापस मिल जाएगी.

दिग्विजय सिंह ने मांगा प्रमाण
दिग्विजय सिंह ने पलटवार करते हुए कहा कि बीजेपी नेताओं ने आदिवासियो्ं की जमीनों का अपने नामों से रजिस्ट्री करवा ली है. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि सुमेर सिंह सोलंकी सरासर झूट बोल रहे हैं. उन्होंने ट्वीट किया कि आप के पास कोई प्रमाण है क्या? अगले 15 दिनों में प्रमाण दीजिये, नहीं तो माफ़ी मांगिये. एमपी पहला राज्य था, जिसने PESA क़ानून लागू करने के लिए नियम बनाने की प्रक्रिया 1998 में शुरू कर ग्राम स्वराज अधिनियम लागू कर दिया था. आप में साहस है तो मेरे साथ पन्ना चल कर देखिए, बीजेपी के नेताओं द्वारा किस प्रकार आदिवासियों की भूमि पर धोखा देकर अपने नाम से रजिस्ट्री करवा ली गई व क़ब्ज़ा कर लिया. जिस भाजपा के नेता ने क़ब्ज़ा किया है वह आपके अध्यक्ष बीडी शर्मा के ख़ास हैं.

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