शादी में डीजे बजा तो काजी ने कर दिया दूल्हे का निकाह कराने से इंकार, जानें फिर क्या हुआ?

लोकेश चौरसिया

19 Feb 2023 (अपडेटेड: Feb 19 2023 8:37 AM)

Chhatarpur News: छतरपुर में मुस्लिम दूल्हे की शादी में डीजे बज गया तो काजी ने निकाह कराने से इनकार कर दिया. दूल्हे की तरफ से काफी मनाने के बाद काजी राजी हुए और निकाह कराना कबूल किया. एमपी के छतरपुर जिले नौगांव में डीजे के साथ मुस्लिम दूल्हे की बारात दुल्हन के दरवाजे पर पहुंची […]

DJ played wedding Muslim groom Qazi refused to get married what happened

DJ played wedding Muslim groom Qazi refused to get married what happened

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Chhatarpur News: छतरपुर में मुस्लिम दूल्हे की शादी में डीजे बज गया तो काजी ने निकाह कराने से इनकार कर दिया. दूल्हे की तरफ से काफी मनाने के बाद काजी राजी हुए और निकाह कराना कबूल किया. एमपी के छतरपुर जिले नौगांव में डीजे के साथ मुस्लिम दूल्हे की बारात दुल्हन के दरवाजे पर पहुंची तो निकाह पढ़ाने बाले काजी ने रोक लगा दी और दूल्हे का निकाह खटाई में पढ़ गया. उसके बाद काजी को मनाने का दौर शुरू जिसमें समाज को कई रिश्तेदारों ने काजी को मनाया. तब कही जाकर चार घंटे बाद निकाह पढ़ा गया. अब इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

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छतरपुर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें जिसमें एक काजी दूल्हे को समझाते हुए दिखाई दे रहे हैं. वह कह रहे हैं कि शादी में डीजे क्यों बजा. इसके बाद काजी शादी कराने को लेकर इनकार कर देता है. दूल्हे पक्ष में इसके बाद हड़कंप मच जाता है और दूल्हे पक्ष के लोग काजी को मनाने की कोशिश करने लगते हैं.

हमारे समाज में फिजूल खर्चों पर रोक
काजी वायरल वीडियो में कहते दिखाई दे रहे हैं. इसे लेकर हाजी से बात की गई तो उनका कहना था कि हमारे समाज में बेफिजूल के खर्चों पर रोक लगा दी है, जिसमें शादी के दौरान ना डीजे बजता है और न लोग डांस करते हैं. क्योंकि यह चीजे अशोभनीय है. इसलिए मीटिंग करके यह तय किया गया था. मगर इस मुस्लिम परिवार ने उल्लंघन किया, इसके कारण निकाय में परेशानी हुई मगर उन्हें हिदायत देने के बाद निकाह पढ़वाया गया. इसके पीछे की वजह यह है कि समाज के कमजोर वर्गों को यह महसूस ना हो कि हम पैसे वाले नहीं हैं. इसलिए हमारी शादी में डीजे नहीं और नाच गाना नही होता.

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हाजी ने कहा कि समाज में हर वर्ग का व्यक्ति एक समान हो, उसका मैसेज देने के लिए मुस्लिम समाज में डीजे बजाना और नाच गाने करना दोनों पर प्रतिबंध लगाया गया है, जिसमें समाज के लोगों की सहमति ली गई थी और सब की सहमति होने के बाद यह फैसला लिया गया था.

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