बीजेपी-कांग्रेस को चुनौती देने आई अनोखी पार्टी, जानें क्यों चर्चाओं में है 'ढाई अक्षर राकेश'?
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Lok Sabha Election 2024: पोथी पढ़ पढ़ जग मुआं, पंडित भया न कोई....ढाई आखर प्रेम के पढ़े सो पंडित होई...कबीर का यह दोहा अक्सर लोगों को प्रेम के प्रति जागरूक करने के लिए कहते सुना होगा, लेकिन जबलपुर में एक ऐसे नेताजी हैं, जो इस कहावत को लोगों के जीवन से जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं. लोकसभा चुनाव में इसी कहावत के ढाई आखर यानी ढाई अक्षर के नाम से पार्टी बनाने वाले प्रत्याशी भी मैदान में हैं. जिनका नाम भी ढाई अक्षर है. आइए आपको बताते हैं संस्कारधानी के इस अनोखे प्रत्याशी के बारे में.
मध्यप्रदेश में लोकसभा चुनाव में कई अनोखे उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. जबलपुर सीट से चुनावी मैदान में उतरे एक उम्मीदवार ने न केवल अपना नाम अनोखा रख लिया है, बल्कि उनका एजेंडा भी अलग है.
13वां चुनाव लड़ रहे ढाई अक्षर
जबलपुर लोकसभा सीट पर अपना नामांकन दाखिल करने वाले ढाई अक्षर उर्फ राकेश सोनकर आपने नाम से ही नहीं काम से भी अनोखे है. ये उनके जीवन काल का 13वां चुनाव है. ढाई अक्षर अभी तक 6 विधानसभा, 5 लोकसभा और एक मेयर का इलेक्शन लड़ चुके हैं. इस बार लोकसभा चुनाव में उतरे ढाई अक्षर और राकेश सोनकर को चुनाव चिन्ह भी ऑटो मिला है. इसलिए वह ऑटो चालकों से मेल मुलाकात बढ़ा रहे हैं. उनका चुनाव लड़ने का फलसफा भी अजीब है.
ढाई अक्षर अभी तक के सभी चुनाव में अपनी जमानत जब्त करवा चुके हैं, लेकिन उन्हें इसकी परवाह नहीं है. उन्होंने कहा दिया है कि न तो वोट मांगेंगे और न ही नोट. जो उनकी फिलॉसफी से सहमत हैं, वो उन्हें वोट दे देगा. ढाई अक्षर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का चुनाव डायरेक्ट करने की मांग करते हैं.
प्रचार नहीं करेंगे
जबलपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे ढाई अक्षर की प्रचार न करने की घोषणा से मतदाता भी अचरज में हैं. उनका कहना है कि जब वे प्रचार करके किसी के सामने अपनी बात ही नहीं रखेंगे, तो फिर उन्हें वोट कौन देगा. मतदाता कह रहे हैं कि लोकतंत्र में चुनाव कोई भी लड़ सकता है , लेकिन ढाई अक्षर जैसे उम्मीदवार का चुनाव लड़ना समझ से परे है.
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किसके बीच है मुकाबला?
मध्यप्रदेश में पहले चरण की 6 लोकसभा सीटों के लिए चुनावी तस्वीर साफ हो गई है. नाम वापसी के बाद हर सीट पर मुकाबले में मौजूद उम्मीदवारों के नाम सामने आ चुके है. मुख्य मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के बीच है , लेकिन कुछ सीटों पर बीएसपी भी जोर लगा रही है. लेकिन सबसे ज्यादा चर्चाओं में ढाई अक्षर राकेश हैं. जबलपुर में भी 19 अप्रैल को लोकतंत्र के महापर्व यानी लोकसभा के पहले चरण चरण का मतदान होना है.
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